केरल हाईकोर्ट ने अंतरिम आदेशों को 15 जून तक बढ़ाया
LiveLaw News Network
3 Jun 2021 5:10 PM IST
केरल हाईकोर्ट ने 19 मई, 2021 को दिए गए अंतरिम आदेशों को 15 जून, 2021 तक बढ़ा दिया है। इनमें राज्य में COVID-19 लॉकडाउन के मद्देनजर परक्राम्य लिखत अधिनियम (Negotiable Instruments Act)की धारा 138 और अंतरिम जमानत से संबंधित आदेश भी शामिल हैं।
मुख्य न्यायाधीश एस. मणिकुमार, न्यायमूर्ति सी. टी. रविकुमार और न्यायमूर्ति शाजी पी. चाली की खंडपीठ ने मंगलवार को हुई फुल बेंच के अनुसार आदेश जारी किया।
इससे पहले 19 मई, 2021 को कोर्ट ने हाईकोर्ट के साथ-साथ निचली अदालतों/न्यायाधिकरणों के समक्ष सभी कार्यवाही के मामले में एक विस्तृत अंतरिम आदेश पारित किया था, और निर्देश जारी किया था कि 31 मई, 2021 तक कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाएगी।
उक्त अंतरिम आदेश के समाप्त होने सरकार ने केरल राज्य में 31 मई, 2021 से 9 जून, 2021 तक लॉकडाउन का विस्तार करने का आदेश दिए जाने पर स्वत: संज्ञान रिट याचिका को मंगलवार को फिर से सूचीबद्ध किया गया था।
19 मई के आदेश में संशोधन
महत्वपूर्ण रूप से अंतरिम जमानत के मामले में, जिसे 31 मई, 2021 तक या सरकार द्वारा लॉकडाउन की अवधि के अंत तक, जो भी पहले हो, तक बढ़ाने का निर्देश दिया गया था, कोर्ट ने केरल में लॉकडाउन के 9 जून, 2021 तक विस्तार करने वाले सरकारी आदेश पर ध्यान दिया। साथ वर्तमान महामारी की स्थिति को देखते हुए न्यायालय ने निर्देश दिया कि इस तरह के अंतरिम आदेशों को 15 जून, 2021 तक बढ़ाया जाएगा।
इसके अलावा, न्यायालय ने यह भी आदेश दिया कि जहां भी 9 अप्रैल, 2021 को अंतरिम आदेश दिए गए, उक्त दिन के अनुसार लागू आदेश और अवकाश के दौरान दिए गए और अंतराल में समाप्त होने वाले अंतरिम आदेशों को 15 जून, 2021 तक बढ़ाया जा सकता है। इसके साथ ही प्रतिवादी या संबंधित, अंतरिम आदेश पर रोक लगाने के लिए अदालतों का रुख कर रहे हैं, यदि ऐसा है तो (अंतरिम आदेश) 16.05.2021 तक बढ़ाने सलाह दी जाती है।
अंत में, धारा 138 के तहत कार्यवाही से उत्पन्न होने वाले मामलों में न्यायालय ने देखा कि अंतिम निर्णय हो सकते हैं, एक निर्धारित अवधि के भीतर और पक्षकारों की उपस्थिति के लिए राशि के भुगतान का निर्देश दे सकते हैं।
इसलिए, पहले के आदेश के अनुरूप, न्यायालय ने यह स्पष्ट किया कि उन मामलों में भी, अंतिम निर्णय को लागू नहीं करने के लिए एक अंतरिम आदेश होगा, जहां लॉकडाउन प्रतिबंधों के कारण पुनरीक्षण याचिका/अपील दायर नहीं की जा सकी। साथ ही, सीमा के पहलू पर, माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों के तहत पार्टियों को सुरक्षा मिलेगी।