केरल हाईकोर्ट ने मुख्यमंत्री के खिलाफ आरोप लगाने वाली स्वप्ना सुरेश और सरित की अग्रिम जमानत याचिका खारिज की

Shahadat

10 Jun 2022 6:34 AM GMT

  • केरल हाईकोर्ट ने मुख्यमंत्री के खिलाफ आरोप लगाने वाली स्वप्ना सुरेश और सरित की अग्रिम जमानत याचिका खारिज की

    केरल हाईकोर्ट ने गुरुवार को विधायक के टी जलील, मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन और राज्य सरकार के खिलाफ झूठी सूचना फैलाने के आरोपी स्वप्ना सुरेश और सरित पीएस की अग्रिम जमानत याचिका खारिज की।

    जस्टिस विजू अब्राहम ने लोक अभियोजक की इस दलील को दर्ज करने के बाद याचिका खारिज की कि दूसरे याचिकाकर्ता (सरित) को अपराधी नहीं बनाया गया है, इसलिए अग्रिम जमानत याचिका सुनवाई योग्य नहीं है। न्यायाधीश ने यह भी देखा कि सुरेश के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 153 और 120 बी के तहत दर्ज एफआईआर में कथित अपराध दोनों जमानती अपराध है।

    याचिकाकर्ताओं के लिए एडवोकेट आर कृष्ण राज पेश हुए और तर्क दिया कि उन्हें खुद के गिरफ्तार होने की आशंका है, क्योंकि सरित को बिना किसी नोटिस या अधिकार के हिरासत में ले लिया गया था। मामले में आरोपी नहीं होने के बावजूद उससे मामले के बारे में पूछताछ की गई थी।

    हालांकि, लोक अभियोजक ने यह कहते हुए याचिका का विरोध किया कि याचिका केवल कुछ झूठी जानकारी को सार्वजनिक डोमेन में उपलब्ध कराने के लिए दायर की गई है। उन्होंने तर्क दिया कि गिरफ्तारी को रोकने के लिए याचिकाकर्ताओं द्वारा कोई ठोस तथ्य पेश नहीं किया गया। यह भी प्रस्तुत किया गया कि यदि उनके पास ऐसा कोई मामला है तो उन्हें पुलिस उत्पीड़न के खिलाफ अदालत का रुख करना चाहिए और अग्रिम जमानत याचिका उनकी शिकायतों का समाधान नहीं है।

    इसके अलावा, उदाहरणों के साथ यह बताया गया कि पहले याचिकाकर्ता पर केवल जमानती अपराधों का आरोप लगाया गया और दूसरे याचिकाकर्ता को मामले में आरोपी नहीं बनाया गया। इन आधारों पर उन्होंने अग्रिम जमानत याचिका खारिज करने की मांग की।

    सुरेश ने मंगलवार को प्रेस को बताया कि उसने मामले को मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया है।

    जल्द ही केटी जलील ने शिकायत दर्ज कराई। इसमें आरोप लगाया गया कि सुरेश ने कुछ अन्य लोगों के साथ साजिश रची, जिसके बाद उसने मजिस्ट्रेट के सामने झूठे बयान दिए और मीडिया में झूठी खबरें फैलाईं, जिससे दंगा भड़काने का प्रयास किया गया। इस शिकायत के अनुसार, पुलिस ने सुरेश के खिलाफ अपराध दर्ज किया और उसके खिलाफ आईपीसी की धारा 153 और 120बी के तहत मामला दर्ज किया गया।

    इसी मामले में याचिकाकर्ता ने अग्रिम जमानत मांगी। हालांकि इस मामले में आरोपी नहीं होने के बावजूद सरित पी.एस ने भी गिरफ्तारी की आशंका चले अग्रिम जमानत याचिका दायर कर दी।

    केस टाइटल: स्वप्ना प्रभा सुरेश और अन्य बनाम स्टेशन हाउस अधिकारी और अन्य।

    साइटेशन: 2022 लाइव लॉ (केर) 270

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