जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में सहायता के लिए सीएम राहत कोष में ₹54.40 लाख दान किए
Shahadat
11 Sept 2025 10:39 AM IST

जम्मू-कश्मीर में हाल ही में आई विनाशकारी बादल फटने और अचानक आई बाढ़ के मद्देनजर, जम्मू-कश्मीर एंड लद्दाख हाईकोर्ट ने क्षेत्र में हाल ही में आई बाढ़ से प्रभावित परिवारों के पुनर्वास और कल्याणकारी प्रयासों में सहायता के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष (CMRF) में 54,40,500 रुपये का योगदान दिया।
यह योगदान चीफ जस्टिस द्वारा की गई अपील के अनुसरण में श्रीनगर स्थित महापंजीयक कार्यालय द्वारा 29 अगस्त, 2025 को जारी आदेश के अनुसार किया गया। इस आदेश में जम्मू-कश्मीर एंड लद्दाख के जजों, न्यायिक अधिकारियों और न्यायपालिका के कर्मचारियों से उनके पदों के अनुसार वित्तीय योगदान देने का आह्वान किया गया।
आदेश के अनुसार:
हाईकोर्ट जजों को 20,000-20,000 रुपये का योगदान देना है; इसी प्रकार, जिला जजों को 10,000-10,000 रुपये का योगदान देना है; सिविल जज (सीनियर डिवीजन) प्रत्येक को 7,000 रुपये; सिविल जज (जूनियर डिवीजन) प्रत्येक को 5,000 रुपये; हाईकोर्ट और जिला न्यायपालिका के राजपत्रित अधिकारियों ने 5,000 रुपये; अराजपत्रित अधिकारियों ने 1,000 रुपये का योगदान दिया।
न्यायिक रजिस्ट्रार और प्रिंसिपल जिला जजों को निर्देश दिया गया कि वे अंशदान एकत्रित करके हाईकोर्ट राहत खाते में जमा करें, जिसके बाद महापंजीयक ने जम्मू और कश्मीर सरकार को समेकित चेक जारी किया।
हाईकोर्ट ने सोमवार को औपचारिक रूप से मुख्यमंत्री को 54.40 लाख रुपये का चेक प्रदान किया। कहा गया कि यह राशि भले ही मामूली हो। हालांकि, यह बाढ़ से पीड़ित लोगों के साथ न्यायिक बिरादरी की हार्दिक एकजुटता को दर्शाती है।
न्यायालय ने ज़ोर देकर कहा,
"बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में जीवन को फिर से पटरी पर लाने और सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए सभी हितधारकों की सामूहिक कार्रवाई आवश्यक है।"
न्यायपालिका ने कहा कि यह दान जन कल्याण के प्रति उसकी प्रतिबद्धता का प्रतीक है, खासकर संकट के समय में। हाल ही में आई बाढ़ ने कई परिवारों को विस्थापित किया। घरों, संपत्ति और आजीविका को भारी नुकसान पहुंचाया, जिससे केंद्र शासित प्रदेश के सामाजिक-आर्थिक ताने-बाने पर गहरा असर पड़ा है।
इस योगदान के साथ आगे आकर जम्मू-कश्मीर एंड लद्दाख की न्यायपालिका ने इस सिद्धांत की पुष्टि की कि एकता और करुणा ही विपत्ति पर विजय पाने के सबसे सशक्त साधन हैं।

