2002 के हत्याकांड में हिजबुल मुजाहिदीन के प्रमुख सैयद सलाहुद्दीन के खिलाफ उद्घोषणा नोटिस जारी
Shahadat
16 April 2025 1:45 PM

जम्मू-कश्मीर के बडगाम जिला कोर्ट ने प्रतिबंधित आतंकवादी समूह हिजबुल मुजाहिदीन के लंबे समय से फरार प्रमुख सैयद सलाहुद्दीन के खिलाफ दो दशक से भी पुराने हत्याकांड के सिलसिले में उद्घोषणा नोटिस जारी किया।
सलाउद्दीन मूल रूप से मोहम्मद यूसुफ शाह के नाम से जाना जाता है और वह अब पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में रहता है। उसको 30 दिनों के भीतर अदालत के समक्ष पेश होने के लिए कहा गया।
बडगाम के प्रिंसिपल सेशन जज ओ.पी. भगत ने CrPC की धारा 82 के तहत नोटिस जारी किया, जिसे आमतौर पर तब लगाया जाता है, जब कोई आरोपी जानबूझकर कानूनी प्रक्रिया से बच रहा हो। यदि वह इसका पालन करने में विफल रहता है तो अदालत कानून के तहत उसकी संपत्तियों को कुर्क करने की कार्रवाई कर सकती है।
यह मामला 2002 में बडगाम पुलिस स्टेशन में दर्ज FIR से जुड़ा है, जिसमें हत्या (धारा 302), आपराधिक साजिश (120बी) और आर्म्स एक्ट तथा अब समाप्त हो चुके टाडा के तहत अपराध समेत कई गंभीर आरोप शामिल हैं। पुलिस के अनुसार, सलाहुद्दीन ने उस अवधि के दौरान क्षेत्र में लक्षित हत्याओं और हिंसा को अंजाम देने में अहम भूमिका निभाई थी।
अदालत के निर्देश पर स्थानीय पुलिस ने सोइबुघ गांव में उसके पैतृक घर पर उद्घोषणा नोटिस चिपकाया, जहां उसके कुछ परिवार के सदस्य अभी भी रहते हैं। यह कदम किसी व्यक्ति को घोषित अपराधी घोषित करने की अनिवार्य कानूनी प्रक्रिया का हिस्सा है।
सैयद सलाहुद्दीन पहले से ही भारतीय कानून के तहत एक घोषित आतंकवादी है और कई आतंकी फंडिंग मामलों में वांछित है। वर्षों से भारत से बाहर रहने के बावजूद, उसका नाम जम्मू-कश्मीर में उग्रवाद और अलगाववाद से संबंधित जांच में सामने आता रहा है।
एक समय ठंडा माना जाने वाला यह मामला अब नए सिरे से तूल पकड़ रहा है और अदालत के ताजा आदेश को सीमा पार आतंकवाद को बढ़ावा देने के आरोपी व्यक्तियों पर व्यापक कार्रवाई के हिस्से के रूप में देखा जा रहा है। आने वाले हफ्तों में आगे की सुनवाई की उम्मीद है, क्योंकि अधिकारी लंबे समय से लंबित मामलों को कानूनी निष्कर्ष पर लाने के लिए प्रयास जारी रखे हुए हैं।