झारखंड हाईकोर्ट ने राहुल गांधी के खिलाफ दायर मानहानि मामले में कोई कठोर कदम नहीं उठाने का आदेश सात दिसंबर तक बढ़ाया
LiveLaw News Network
21 Oct 2021 10:21 AM IST
झारखंड हाईकोर्ट ने बुधवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ उनके कथित बयान "सभी चोर मोदी उपनाम वाले क्यों हैं" के लिए दायर मानहानि के एक मामले के संबंध में 'कोई कठोर कदम नहीं उठाने' के आदेश को बुधवार को सात दिसंबर तक बढ़ा दिया।
न्यायमूर्ति संजय कुमार द्विवेदी की खंडपीठ ने 27 फरवरी, 2020 को पारित हाईकोर्ट के आदेश की अवधि बढ़ा दी। इसमें निर्देश दिया गया कि रांची कोर्ट के समक्ष उनके खिलाफ दायर मानहानि मामले के संबंध में राहुल गांधी के खिलाफ कोई कठोर कदम नहीं उठाया जाए।
2019 के लोकसभा चुनावों के लिए प्रचार करते हुए राहुल गांधी ने कथित तौर पर एक बयान दिया था,
"सभी चोर मोदी उपनाम वाले क्यों हैं?"
संक्षेप में तथ्य
'मोदी' उपनाम पर उनकी कथित आपत्तिजनक टिप्पणी के लिए प्रदीप मोदी नाम के एक वकील ने रांची कोर्ट में एक शिकायत दर्ज कराई थी। इसमें मोदी उपनाम वाले सभी लोगों को चोर बताने वाले उनके बयान पर आपत्ति जताई थी। शिकायतकर्ता ने मोदी सरनेम वाले लोगों को बदनाम करने के लिए राहुल गांधी से 20 करोड़ रुपये भी मांगे।
जिला अदालत ने मामले का संज्ञान लेने के बाद गांधी को व्यक्तिगत रूप से या अपने वकील के माध्यम से पेश होने के लिए समन जारी किया। उसी को चुनौती देते हुए गांधी ने हाईकोर्ट का रुख किया और 27 फरवरी, 2020 को 'कोई कठोर कदम नहीं उठाने' का आदेश प्राप्त किया।
कोर्ट का आदेश
इसी आदेश दिनांक 27 फरवरी, 2020 की अवधि बुधवार को सात दिसंबर तक बढ़ा दी गई। कोर्ट ने यह निर्देश तब दिया जब उसे बताया गया कि राहुल गांधी की ओर से मामले में बहस कर रहे वकील कौशिक सरखेल अब एक विधि अधिकारी बन गए हैं।
इन परिस्थितियों के आलोक में गांधी की ओर से यह प्रस्तुत किया गया कि मामले को किसी अन्य दिन उठाया जा सकता है ताकि गांधी मामले में अपनी ओर से बहस करने के लिए एक अन्य वकील को नियुक्त कर सकें।
इस दलील को देखते हुए हाईकोर्ट ने गांधी के पक्ष में पारित अंतरिम आदेश को सुनवाई की अगली तारीख तक बढ़ाते हुए मामले को सात दिसंबर, 2021 तक के लिए टाल दिया।
केस का शीर्षक - राहुल गांधी बनाम झारखंड राज्य और अन्य।