चीफ जस्टिस ने NUSRL रांची में नेशनल सेमिनार का उद्घाटन किया, टेक्नोलॉजी और AI से आने वाली चुनौतियों पर रोशनी डाली

Shahadat

28 Nov 2025 10:07 AM IST

  • चीफ जस्टिस ने NUSRL रांची में नेशनल सेमिनार का उद्घाटन किया, टेक्नोलॉजी और AI से आने वाली चुनौतियों पर रोशनी डाली

    झारखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस तरलोक सिंह चौहान ने संविधान दिवस के मौके पर नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ़ स्टडी एंड रिसर्च इन लॉ (NUSRL), रांची में आयोजित दो दिन के नेशनल सेमिनार "भारतीय संविधान के 75 साल: आज के विचार और भविष्य की दिशाएँ" का उद्घाटन किया।

    नेशनल सेमिनार में देश भर के न्यायविदों, कानूनी जानकारों, शिक्षाविदों, रिसर्चरों और छात्रों ने हिस्सा लिया।

    उद्घाटन समारोह 25 नवंबर को चीफ जस्टिस तरलोक सिंह चौहान की मौजूदगी में शुरू हुआ, जो NUSRL के चांसलर भी हैं और समारोह के चीफ गेस्ट थे।

    चीफ जस्टिस ने कहा कि संविधान एक जीवित डॉक्यूमेंट है। उन्होंने AI, डेटा से चलने वाले शासन और नई टेक्नोलॉजी से पैदा होने वाली चुनौतियों पर रोशनी डाली। पुट्टास्वामी फैसले का ज़िक्र करते हुए उन्होंने प्राइवेसी के अधिकार के महत्व पर चर्चा की और आने वाले सालों में कानूनी सिस्टम के सामने आने वाली नई चुनौतियों पर ज़ोर दिया।

    गेस्ट ऑफ़ ऑनर रहे हाईकोर्ट के जज जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद ने संविधान के विकास पर बात की, जिसमें आर्थिक रूप से कमज़ोर तबके के अधिकारों से जुड़े खास डेवलपमेंट और आर्टिकल 21 की प्रोग्रेसिव व्याख्याओं पर ज़ोर दिया गया।

    यूनिवर्सिटी की तीन बड़ी पहलें, यानी अंडर-ट्रायल कैदियों और लगातार कानूनी शिक्षा पर एक प्रोजेक्ट, CCL और NUSRL न्यूज़लेटर के साथ मिलकर CSR-सपोर्टेड “आजीविका का अधिकार (न्याय सेतु)” प्रोजेक्ट लॉन्च किया गया।

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