क्या सीआरपीसी की धारा 164 के तहत दर्ज बयान एक सार्वजनिक दस्तावेज है? केरल हाईकोर्ट ने सरिता नायर की याचिका में एमिकस क्यूरी की नियुक्ति की
Avanish Pathak
2 July 2022 5:11 PM IST
सीआरपीसी की धारा 164 के तहत दर्ज किया गया बयान सार्वजनिक दस्तावेज है या नहीं? इस कानूनी सवाल का फैसला करने के लिए केरल हाईकोर्ट ने अदालत की सहायता कि लिए शुक्रवार को एक एमिकस क्यूरी नियुक्त किया।
सौर पैनल घोटाले की मुख्य आरोपी सरिता एस नायर की ओर से दायर याचिका के मामले में जस्टिस कौसर एडप्पागथ ने एमिकस क्यूरी नियुक्त किया। सरिता एस नायर ने सोने की तस्करी के मामले में आरोपी स्वप्ना सुरेश द्वारा धारा 164 के तहत दिए गए बयान की प्रतियां प्रदान करने का निर्देश देने की मांग की थी।
एडवोकेट केके धीरेंद्रकृष्णन को इस मामले में एमिकस क्यूरी नियुक्त किया गया है।
सरिता नायर पर आरोप है कि उन्होंने कई प्रभावशाली लोगों को व्यापार भागीदार बनाने की पेशकश करके या उनके लिए सौर ऊर्जा इकाइयों को स्थापित करने की पेशकश करके, और उसी के लिए अग्रिम भुगतान प्राप्त करके 70 लाख की ठगी की। स्वप्ना सुरेश पर तिरुवनंतपुरम स्थित यूएई वाणिज्य दूतावास भेजे गए राजनयिक कार्गो के माध्यम से 30 किलोग्राम सोने की तस्करी का आरोप है।
जब याचिका सुनवाई के लिए आई तो याचिकाकर्ता की ओर से पेश एडवोकेट बीए अलूर ने कहा कि स्वप्ना द्वारा दिया गया बयान एक सार्वजनिक दस्तावेज है और इसलिए याचिकाकर्ता एक प्रति प्राप्त करने की हकदार थी।
नायर ने अदालत का दरवाजा खटखटाया और आशंका जताई कि सुरेश द्वारा दिए गए बयान में उनके खिलाफ कुछ आरोप दर्ज किए गए हैं। नायर ने प्रार्थना की है कि अदालत उसकी याचिका को अनुमति दे, जिसमें उसे उक्त दस्तावेज की प्रमाणित प्रतियां उसे देने का निर्देश देने की मांग की गई है।
नायर ने शुरू में इसी अनुरोध के साथ एर्नाकुलम के प्रधान जिला और सत्र न्यायालय से संपर्क किया था, लेकिन इससे इनकार कर दिया गया था।
अदालत ने सौर घोटाला मामलों में आरोपी सरिता एस नायर द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई 11 जुलाई के लिए स्थगित कर दी है, जिसमें स्वप्ना सुरेश द्वारा दिए गए बयान की एक प्रति प्रदान करने का निर्देश देने की मांग की गई है।
केस शीर्षक: सरिता एस नायर बनाम यूनियन ऑफ इंडिया और अन्य।