गुवाहाटी हाईकोर्ट ने निचली अदालत के उस निर्देश को रद्द किया, जिसमें आरोपी के जेल में क्वारंटाइन होने तक जमानत पर पाबंदी लगाई

LiveLaw News Network

13 May 2021 12:35 PM GMT

  • गुवाहाटी हाईकोर्ट ने निचली अदालत के उस निर्देश को रद्द किया, जिसमें आरोपी के जेल में क्वारंटाइन होने तक जमानत पर पाबंदी लगाई

    गुवाहाटी हाईकोर्ट ने मंगलवार (11 मई) को निचली अदालत के उस निर्देश को रद्द कर दिया, जिसमें आरोपी के जेल में क्वारंटीन की अवधि पूरी होने तक उसकी जमानत पर पाबंदी लगा दी थी। हाईकोर्ट ने निचली अदालत के निर्देश को रद्द करते हुए कहा कि जमानत बॉन्ड की स्वीकृति से इनकार करने के लिए उक्त कोर्ट के पास कोई अधिकार नहीं है।

    न्यायमूर्ति कल्याण राय सुराणा की खंडपीठ ने कहा,

    "यह सवाल कि क्या आरोपी को क्वारंटीन में रहना है। यह एक निर्णय जिला प्रशासन द्वारा लिया जाना है। इस मुद्दे को अदालत द्वारा जमानत देने का आधार नहीं बनाया जाना चाहिए, क्योंकि उक्त आधार पर जमानत से इनकार करने के लिए आपराधिक प्रक्रिया संहिता में कोई प्रावधान नहीं है।"

    न्यायालय के समक्ष मामला

    गुवाहाटी हाईकोर्ट के समक्ष एक बंदी प्रत्यक्षीकरण की रिट याचिका हाफिकुर अली द्वारा की एक रिट जारी करने की मांग के साथ दायर की गई थी, क्योंकि वह धारा 379/411 आईपीसी के तहत एक अपराध के संबंध में अपनी कथित अवैध हिरासत से परेशान था।

    इस बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका में यह अनुमान लगाया गया था कि 5 मई, 2021 के आदेश से न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी, कामरूप, अमिंगान ने आरोपी व्यक्ति को जमानत दे दी थी। हालांकि, यह कहा गया कि जमानत मंजूर होने पर अभियुक्त क्वारंटीन की अवधि पूरा होने तक जेल में रहेगा।

    कोर्ट का आदेश

    दोनों पक्षों को सुनने के बाद रिकॉर्ड पर सामग्री की जांच करने पर हाईकोर्ट इस तथ्य पर ध्यान देने के लिए इच्छुक था कि न्यायिक मजिस्ट्रेट ने दिनांक 05 मई, 2021 के आदेश द्वारा आरोपी को जमानत दे दी। इस पर कोर्ट ने कहा कि जमानत बांड की स्वीकृति से इनकार करने के लिए निचली अदालत के पास कोई अधिकार नहीं था।

    9 जून, 2021 तक वापसी योग्य एक नोटिस जारी किया गया। न्यायालय ने उस आदेश के उस हिस्से पर रोक लगा दी, जिसके तहत यह निर्देश दिया गया था कि जेल के खतरे में अभियुक्त की क्वारंटीन अवधि पूरी होने के बाद ही जमानत ली जाएगी।

    नतीजतन, न्यायिक मजिस्ट्रेट को याचिकाकर्ता की जमानत बांड को स्वीकार करने के लिए निर्देशित किया गया और इस मामले को 9 जून, 2021 के लिए सूचीबद्ध किया गया।

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