दिल्ली हाईकोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में मनीष सिसौदिया को जमानत देने से इनकार किया

Shahadat

3 July 2023 9:51 AM GMT

  • दिल्ली हाईकोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में मनीष सिसौदिया को जमानत देने से इनकार किया

    दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार को राष्ट्रीय राजधानी में पिछली आबकारी नीति के कार्यान्वयन से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आम आदमी पार्टी (आप) नेता और दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को जमानत देने से इनकार कर दिया।

    जस्टिस दिनेश कुमार शर्मा ने सह-आरोपी व्यक्तियों हैदराबाद के व्यवसायी अभिषेक बोइनपल्ली, आप के संचार प्रभारी विजय नायर और परनोड रिकार्ड इंडिया के महाप्रबंधक बेनॉय बाबू को भी जमानत देने से इनकार कर दिया।

    अदालत ने कहा कि सिसौदिया को जमानत देने से इनकार करने वाला विशेष न्यायाधीश का आदेश तर्कसंगत है और रिकॉर्ड पर मौजूद सामग्री के आधार पर पारित किया गया।

    अदालत ने कहा,

    "अदालत को विशेष न्यायाधीश के आदेश में कोई खामी या अवैधता नहीं मिली।"

    इसके अलावा, जस्टिस शर्मा ने यह भी कहा कि अदालत ने सीबीआई मामले में सिसौदिया को जमानत देने से भी इनकार कर दिया।

    अदालत ने पिछले महीने अपनी पत्नी की खराब स्वास्थ्य स्थिति के मद्देनजर छह सप्ताह के लिए अंतरिम जमानत की मांग करने वाली सिसोदिया की अर्जी भी खारिज कर दी थी।

    जस्टिस शर्मा ने कहा कि सिसौदिया के खिलाफ आरोप बेहद गंभीर प्रकृति के हैं और उनके द्वारा संभाले गए पदों को नहीं भुलाया जा सकता।

    आप नेता को 26 फरवरी को सीबीआई ने गिरफ्तार किया। जांच एजेंसी का मामला है कि वर्ष 2021-22 के लिए उत्पाद शुल्क नीति के निर्धारण और कार्यान्वयन में अनियमितताएं हैं।

    सीबीआई ने आरोप लगाया कि सिसौदिया को इसलिए गिरफ्तार किया गया, क्योंकि उन्होंने गोल-मोल जवाब दिया और सबूत मिलने के बावजूद जांच में सहयोग नहीं किया।

    सीबीआई की एफआईआर में कहा गया कि सिसौदिया और अन्य ने "टेंडर के बाद लाइसेंसधारी को अनुचित लाभ पहुंचाने के इरादे से सक्षम प्राधिकारी की मंजूरी के बिना" उत्पाद शुल्क नीति 2021-22 के संबंध में "सिफारिश करने और निर्णय लेने" में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

    दूसरी ओर, ईडी का आरोप है कि कुछ निजी कंपनियों को थोक कारोबार में 12 फीसदी का मुनाफा देने की साजिश के तहत उत्पाद शुल्क नीति लागू की गई। इसमें कहा गया कि मंत्रियों के समूह (जीओएम) की बैठकों के मिनटों में ऐसी किसी शर्त का उल्लेख नहीं किया गया।

    एजेंसी ने यह भी दावा किया कि थोक विक्रेताओं को असाधारण लाभ मार्जिन देने के लिए विजय नायर और साउथ ग्रुप के साथ अन्य व्यक्तियों द्वारा एक साजिश रची गई। एजेंसी के मुताबिक, नायर दिल्ली के मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री की ओर से कार्य कर रहे थे।

    केस टाइटल: मनीष सिसौदिया बनाम प्रवर्तन निदेशालय

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