दलित लेबर एक्टिविस्ट नोदीप कौर को पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने जमानत दी

LiveLaw News Network

26 Feb 2021 6:22 AM GMT

  • Beaten Black And Blue By Police Officials, Dalit Labour Activist Nodeep Kaur Submits In Her Bail Plea, P&H HC To Hear Plea Tomorrow

    पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने गुरुवार (26 फरवरी) को एक्टिविस्ट नोदीप कौर को जमानत दे दी। कौर के खिलाफ तीन एफआईआर दर्ज की गई हैं, जिनमें से एक मामले में उन्हें जमानत दी गई है।

    जस्टिस अवनीश झिंगन की खंडपीठ ने उनकी जमानत याचिका और उनके मामले में दर्ज एक स्वतः संज्ञान (दोनों मामलों की एक साथ सुनवाई हुई) पर सुनवाई करते हुए उन्हें जमानत दे दी।

    जमानत याचिका

    यह कहते हुए कि उन्हें किसान आंदोलन के पक्ष में बड़े पैमाने पर समर्थन जुटाने में सफल होने के कारण निशाना बनाया गया और झूठे मामले में फंसाया गया है, नौदीप कौर ने जमानत याचिका (पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के समक्ष दायर) में दावा किया था कि उन्हें पीटा गया है और प्रताड़ित किया गया है। उन्हें कई चोटें लगीं हैं।

    जमानत याचिका में उन्होंने यह भी दावा किया है कि उन्हें गिरफ्तार करने के बाद, पुलिस अधिकारी उन्हें "किसी महिला पुलिस अधिकारी के बिना ही" पुलिस स्टेशन ले गए और उन्हें बुरी तरह से पीटा गया।"

    जमानत याचिका उनके अधिवक्ता अर्शदीप सिंह चीमा और पवनदीप सिंह, मानवेंद्र सिंह, हरिंदर सिंह और मनराज (डीएसजीएमसी की ओर से) के माध्यम से वरिष्ठ अधिवक्ता आरएस चीमा के मार्गदर्शन में दायर की गई थी, जिसमें कहा गया था कि उन्हें एक प्राथमिकी, जिसे आईपीसी की 307 (हत्या का प्रयास) सहित विभिन्न धाराओं में दर्ज किया गया था, में झूठे तरीके से आरोपी बनाया गया था।

    उल्लेखनीय है कि पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने शुक्रवार (12 फरवरी) को हरियाणा पुलिस द्वारा 23 वर्षीय श्रमिक कार्यकर्ता नोदीप कौर (मजदूर आदिवासी संगठन की एक सदस्य) के कथित अवैध कारावास का संज्ञान लिया था।

    जस्टिस अरुण कुमार त्यागी की खंडपीठ ने अपने आदेश में कहा कि हरियाणा पुलिस द्वारा दलित लेबर एक्टिविस्ट नोदीप कौर के अवैध कारावास के बारे में 06 फरवरी 2021 और 08 फरवरी 2021 को शिकायतें ई-मेल के माध्यम से प्राप्त हुई हैं।

    जमानत याचिका में अन्य दलीलें

    -उन्हें निशाना बनाया गया है ताकि श्रमिकों का जुटाया न जा सके, क्योंकि उनका संगठन किसानों के समर्थन में भीड़ जुटाने में सफल रहा और इससे प्रशासन में खलबली मच गई।

    -मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी के निर्देशों के बाद भी, उसे कई दिनों तक चिकित्सीय परीक्षण के लिए पेश नहीं किया गया।

    -पुलिस अधिकारियों द्वारा लगाए गए तथ्यों के अनुसार धारा 384 के तहत अपराध नहीं किया गया ‌था।

    -पुलिस स्टेशन में हिरासत के दौरान, उसे प्रताड़ित किया गया और उसे खाली कागजात पर हस्ताक्षर करने के प्रताड़ित किया गया।

    नौदीप कौर के बारे में

    नौदीप कौर, मजदूर अधिकार संगठन की सदस्य हैं और उन्हें 12 जनवरी को गिरफ्तार किया गया था, जब उन्होंने हरियाणा और दिल्ली के बीच सिंघू बॉर्डर के पास अवैतनिक मजदूरों के विरोध प्रदर्शन में भाग लिया था और वह आज तक हिरासत में हैं (हरियाणा की करनाल जेल में)।

    सोनीपत पुलिस ने 12 जनवरी को उन्हें हत्या करने के प्रयास, दंगा करने और एक लोक सेवक को ड्यूटी से रोकने के लिए हमला करने के आरोप में गिरफ्तार किया। एक की स्थानीय अदालत ने 02 तारीख को उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी।

    द हिंदू की रिपोर्ट के अनुसार, सोनीपत पुलिस ने बयान जारी किया कि एक पुलिस टीम कुंडली औद्योगिक क्षेत्र में गई थी, जब उन्हें एक औद्योगिक इकाई के प्रबंधन और कर्मचारियों की कथित मारपीट की सूचना मिली थी।

    पुलिस के अनुसार, नोदीप और उनके सहयोगियों ने पुलिस पर लाठी से हमला किया, जिससे सात कर्मी घायल हो गए। घटना के बाद, उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया, लेकिन उनके साथी भागने में सफल रहे।

    यातना के आरोपों का जवाब देते हुए, पुलिस ने कहा है, "उसने पुलिस अधिकारियों द्वारा हमले का मुद्दा चिकित्सा अधिकारी या मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के सामने नहीं उठाया।"

    बयान में कहा गया है, "आरोपी या उसके वकील द्वारा लगाए गए आरोपों बाद में गढ़े गए लगते हैं और पुलिस विभाग स्पष्ट रूप से उक्त आरोप को नकारता है।"

    जैसा कि समाचार वेबसाइट स्क्रॉल ने बताया है, कौर को जबरन वसूली के मामले में (11 फरवरी को) जमानत दी गई है, हालांकि, कौर 12 जनवरी की घटना के सिलसिले में दो और मामलों में जेल में रहेगी।

    गौरतलब है कि कौर की गिरफ्तारी और कथित यातनाओं का मुद्दा सोशल मीडिया पर भी चर्चा में है और अमेरिका की उपराष्ट्रपति कमला हैरिस की भतीजी मीना हैरिस ने उनके बारे में ट्वीट किया है।

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