कोर्ट मूकदर्शक नहीं बना रह सकता: केरल उच्च न्यायालय ने केरल विश्वविद्यालय को उत्तर पुस्तिका गुम होने के मामले में औसत अंक देने का निर्देश दिया

LiveLaw News Network

15 Sep 2021 8:38 AM GMT

  • केरल हाईकोर्ट

    केरल हाईकोर्ट

    केरल उच्च न्यायालय ने एक छात्रा, जिसकी उत्तर पुस्तिका ट्रांजिट के दरमियान गायब हो गई थी, केरल विश्वविद्यालय को उसे औसत नंबर देने का निर्देश दिया है। न्यायालय ने यह आदेश अन्य परीक्षाओं में छात्रा के रिकॉर्ड को ध्यान में रखते हुए दिया है।

    जस्टिस अमित रावल ने एक छात्रा की याचिका पर यह फैसला सुनाया, जिसे उत्तर पत्र गायब होने के कारण फेल हो जाने के बाद अपनी शैक्षिक प्रोफाइल में सुधार के लिए बीएड में प्रवेश लेने का निर्देश दिया गया था

    याचिकाकर्ता सेंट ग्रेगोरियस कॉलेज की 2018 बैच की एमकॉम की छात्रा था। उसने दूसरे सेमेस्टर को छोड़कर अपने सभी सेमेस्टर पूरे कर लिए थे। गर्भवती होने के कारण वह दूसरा सेमेस्टर पूरा नहीं कर पाई थी।

    जिसके बाद उसने 19.06.2020 से 29.06.2020 के बीच आयोजित पूरक परीक्षा दी थी। हालांकि, जब 07.07.2021 को नतीजे प्रकाशित हुए थे तो उसने पाया कि उसे अंतिम सेमेस्टर में फेल कर दिया गया था।

    उसके अंक-पत्र में 'ई-बिजनेस एंड साइबर कानून' विषय में प्राप्तांक की जगह खाली दिखाई गई ‌थी। पूछताछ करने पर पता चला कि कॉलेज ने विश्वविद्यालय को जमा की गई उत्तर पुस्तिकाओं के कुछ बंडल गुमा दिए थे।

    मामले में याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता कलीस्वरम राज पेश हुए।

    मामले में केवल यह आशंका व्यक्त की गई कि याचिकाकर्ता को बीएड पाठ्यक्रम में प्रवेश लेकर अपनी शैक्षिक प्रोफाइल में सुधार के लिए एक और कदम उठाना होगा, क्योंकि अंतिम तिथि 6 सितंबर 2021 थी, जिसे अब बढ़ाकर 16.9.2021 कर दिया गया है।

    2007 में इसी तरह के एक मामले में, जहां कॉलेज द्वारा जमा की गई उत्तर पुस्तिका खो गई थी, कोर्ट ने केरल विश्वविद्यालय के उप-नियमों और दिशानिर्देशों को ध्यान में रखते हुए, पिछले पेपर्स पर विचार करते हुए औसत अंक देने का निर्देश दिया था। विश्वविद्यालय के विनियमों के अनुसार उत्तर पत्रक प्राप्त न होने की स्थिति में अभ्यर्थी को बिना शुल्क लिए दूसरी परीक्षा में बैठने की अनुमति दी जाती है।

    विश्वविद्यालय के वकील थॉमस अब्राहम ने कहा कि उत्तर पुस्तिकाओं को पुनः प्राप्त करने के उनके ठोस प्रयासों के बावजूद, वे नहीं मिल पाईं।

    इसी को लेकर जल्द ही सिंडिकेट की बैठक बुलाई गई। हालांकि, वकील ने बताया कि विश्वविद्यालय अदालत द्वारा निर्देश जारी करने के खिलाफ नहीं है क्योंकि याचिकाकर्ता को बीएड में प्रवेश लेना है, जिसके लिए प्रवेश फॉर्म जमा करने की अंतिम तिथि 16 सितंबर 2021 है।

    न्यायालय ने कहा कि केरल विश्वविद्यालय की विश्वविद्यालय परीक्षाओं की उत्तर पुस्तिकाओं के पुनर्मूल्यांकन के लिए संशोधित दिशानिर्देशों के खंड 12 (बी) से पता चला है कि ऐसी परिस्थितियों में उम्मीदवार को बिना शुल्क लिए परीक्षा में बैठने की अनुमति है।

    "यह न्यायालय मूकदर्शक बन कर यह नहीं देख सकता कि निर्धारित बैठक कुछ प्रभावी निर्णय लिए जाएंगे या नहीं, उस समय तक बीएड के लिए आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि समाप्त हो सकती है।"

    इसलिए, बेंच ने केरल विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक को उसके रिकॉर्ड और अन्य परीक्षाओं के परिणाम को ध्यान में रखते हुए औसत अंक देने के कार्य पर विचार करने और 14 सितंबर तक परिणाम घोषित करने के निर्देश जारी करते हुए रिट याचिका का निपटारा किया।

    केस शीर्षक: सफना केएम बनाम केरल विश्वविद्यालय और अन्य

    आदेश पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

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