इलाहाबाद हाईकोर्ट ने स्कूल, मंदिर और अस्पताल के पास स्थित शराब की दुकान को हटाने की मांग को लेकर दायर जनहित याचिका पर यूपी सरकार से जवाब मांगा

LiveLaw News Network

6 Dec 2021 1:05 PM IST

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    इलाहाबाद हाईकोर्ट

    इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक चिल्ड्रन स्कूल, अस्पताल और 50 साल पुराने मंदिर और आवासीय क्षेत्र के सामने स्थित एक लाइसेंसी शराब की दुकान को हटाने की मांग को लेकर दायर पिछले एक जनहित याचिका (पीआईएल) पर हफ्ते उत्तर प्रदेश सरकार से जवाब मांगा।

    न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा और न्यायमूर्ति विवेक वर्मा की पीठ याचिकाकर्ता इन-पर्सन अशोक कुमार शुक्ला द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी। इसने हरि बाजार बालागंज, हरदोई रोड, लखनऊ में देशी शराब की दुकान, विदेशी शराब की दुकान और बीयर की दुकान को तत्काल स्थानांतरित / हटाने की मांग की थी।

    उनका विशेष निवेदन था कि उत्तर प्रदेश संख्या एवं आबकारी दुकानों की स्थिति नियम, 1968 के अनुसार नगर निगम क्षेत्र में 50 मीटर के दायरे में शराब की दुकानों का संचालन नहीं किया जा सकता।

    शराब की दुकान के लाइसेंस धारक को प्रभावशाली व्यक्ति बताते हुए याचिका में कहा गया कि वह उपरोक्त नियम, 1968 का उल्लंघन करते हुए हरि बाजार, बालागंज, हरदोई रोड, लखनऊ में सेंट जोसेफ स्कूल, जे.पी.एस., बाल अस्पताल, पुराना मंदिर और आवासीय क्षेत्र से 25-35 मीटर के भीतर शराब की दुकान संचालित कर रही है।

    उक्त को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार की ओर से उपस्थित हुए स्थायी अधिवक्ता को निर्देश दिया गया कि वे सूचीबद्ध होने की अगली तिथि तक मामले में आवश्यक निर्देश प्राप्त करें और मामले को 15 दिसंबर, 2021 के लिए सूचीबद्ध किया गया।

    यह ध्यान दिया जा सकता है कि हाल ही में बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा था कि जो स्कूल राष्ट्रपिता महात्मा गांधी द्वारा परिकल्पित छात्रों में मानक नैतिक मूल्यों को विकसित कर रहे हैं, उन्हें इस बात की चिंता करने की आवश्यकता नहीं है कि शराब के रेस्तरां के कारण किसी भी छात्र पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है।

    न्यायमूर्ति जीएस कुलकर्णी की खंडपीठ ने इस प्रकार देखा क्योंकि उसने याचिकाकर्ताओं द्वारा चलाए जा रहे एक स्कूल के पास एक रेस्तरां को शराब लाइसेंस देने के राज्य के आबकारी विभाग के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया।

    केस शीर्षक - अशोक कुमार शुक्ल बनाम उत्तर प्रदेश राज्य

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