6 किलो गांजा व्यावसायिक मात्रा नहीं, एनडीपीएस एक्ट की धारा 37 के तहत ज़मानत के कड़े नियम लागू नहीं होंगे : आंध प्रदेश हाईकोर्ट

LiveLaw News Network

12 April 2022 7:57 PM IST

  • 6 किलो गांजा व्यावसायिक मात्रा नहीं, एनडीपीएस एक्ट की धारा 37 के तहत ज़मानत के कड़े नियम लागू नहीं होंगे : आंध प्रदेश हाईकोर्ट

    आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट ने हाल ही में 6 किलोग्राम गांजा रखने के आरोपी एक व्यक्ति को जमानत दी। कोर्ट ने यह देखते हुए जमानत दी कि यह "व्यावसायिक मात्रा" नहीं है और इस प्रकार जमानत देने का मामला एनडीपीएस अधिनियम की धारा 37 के तहत नियंत्रित नहीं होगा।

    नशीले पदार्थों और मन:प्रभावी पदार्थों के संबंध में वाणिज्यिक मात्रा को अधिनियम की धारा 2(viia) के तहत परिभाषित किया गया है। इसका अर्थ सरकारी राजपत्र में अधिसूचना द्वारा केंद्र सरकार द्वारा निर्दिष्ट मात्रा से अधिक मात्रा से है। वर्तमान में गांजे की व्यावसायिक मात्रा 20 किलोग्राम या उससे अधिक है।

    जस्टिस चीकाती मानवेंद्रनाथ रॉय ने वर्तमान आदेश पारित किया। उन्होंने कहा कि वह व्यक्ति दो महीने से जेल में बंद है। हालांकि, पुलिस की आशंका को देखते हुए कि वह फरार हो जाएगा, कुछ शर्तों पर जमानत दी गई।

    कोर्ट ने कहा,

    "जांच में काफी प्रगति हुई है। याचिकाकर्ता पिछले दो महीने की अवधि के लिए जेल में बंद है। इसलिए, वह जमानत का हकदार है। हालांकि, अतिरिक्त लोक अभियोजक द्वारा व्यक्त की गई आशंका को देखते हुए कि याचिकाकर्ता के रूप में तमिलनाडु राज्य का निवासी है और अगर उसे जमानत दी जाती है तो वह फरार हो सकता है। इस आशंका के चलते पुलिस के लिए उसे मुकदमे के लिए अपनी उपस्थिति सुरक्षित करना मुश्किल होगा तो वह कुछ शर्तों पर जमानत का हकदार है।"

    याचिकाकर्ता पर नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस एक्ट, 1985 की धारा 20 (बी) (ii) (बी) के साथ पठित धारा 8 (सी) के तहत मामला दर्ज किया गया था। 6 किलोग्राम के अवैध कब्जे में होने के लिए उपरोक्त धाराओं के तहत तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया था।

    अदालत ने प्रथम श्रेणी नरसीपट्टनम, विशाखापत्तनम जिले के अतिरिक्त न्यायिक मजिस्ट्रेट की संतुष्टि के अनुसार याचिकाकर्ता को 2,00,000/- रुपये के बांड के निष्पादन पर और इतनी ही राशि के दो जमानतदार पेश करने पर जमानत दी।

    कोर्ट ने कहा,

    "दो जमानतदार स्थानीय ज़मानत होंगे जो विशाखापत्तनम जिले के स्थायी निवासी होंगे। उसकी रिहाई पर याचिकाकर्ता स्टेशन हाउस ऑफिसर, कोटौरतला पुलिस स्टेशन, विशाखापत्तनम के समक्ष प्रतिदिन सुबह 10.00 बजे से 5.00 बजे के बीच रिपोर्ट करेगा। उसके बाद वह थाना हाउस ऑफिसर, कोटौरतला पुलिस स्टेशन के समक्ष महीने में एक बार हर अगले महीने की दो तारीख को रिपोर्ट करेगा जब तक कि पूरा ट्रायल समाप्त नहीं हो जाता है और मामले का निपटारा नहीं हो जाता। उक्त शर्त अतिरिक्त लोक अभियोजक द्वारा व्यक्त की गई आशंका के मद्देनजर लगाई गई है जैसा कि चर्चा की गई। याचिकाकर्ता उपरोक्त शर्तों का ईमानदारी से पालन करेगा और उसी के किसी भी उल्लंघन का पालन करेगा इसे गंभीरता से लिया जाना चाहिए और इसमें जमानत रद्द करना भी शामिल है।"

    केस शीर्षक: दिनेश @ दिनेश बनाम आंध्र प्रदेश राज्य

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