प्रौद्योगिकी को परिवर्तन का सूत्रधार माना जाना चाहिए, परिवर्तन का चालक मानव मस्तिष्‍क रहा है और होना चाहिए: जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़

LiveLaw News Network

19 Jan 2022 2:28 PM IST

  • प्रौद्योगिकी को परिवर्तन का सूत्रधार माना जाना चाहिए, परिवर्तन का चालक मानव मस्तिष्‍क रहा है और होना चाहिए: जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़

    जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने सोमवार को कहा, "इसमें कोई संदेह नहीं है कि प्रौद्योगिकी अब जजों पर ध्यान केंद्रित कर रही है- हम खुद को कैसे बरतते हैं, हम कितनी देर तक अदालत में बैठते हैं, किस गंभीरता से अदालतों को संभाला जाता है और मामलों का संचालन किया जाता है, जज जो शिष्टाचार बार के सदस्यों और वादी की ओर दिखाते हैं, विशेष रूप से वे वकील जो बार में बहुत ऊंची जगहों पर नहीं हैं।",

    जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने उक्त टिप्‍पणियां गुजरात हाईकोर्ट और जिला न्यायपालिका के लिए जस्टिस क्लॉक और ई-कोर्ट फी सिस्टम के ई-उद्घाटन के अवसर पर की।

    उन्होंने कहा, "लॉकडाउन की शुरुआत में, सभी अदालतों ने यह सुनिश्चित करने का प्रयास किया कि न्याय का वितरण बाधित न हो। हाईकोर्ट्स ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग और ई-फाइलिंग के मॉडल रूल्स को तेजी से अपनाया, जिन्हें सुप्रीम कोर्ट ई-कमेटी ने साझा किया थे।

    जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा, "जबकि ई-पेमेंट, ई-फाइलिंग और एनएसटीईपी में ऑटोमैटिक मैन्युअल प्रोसेस हैं, अगला कदम अदालती प्रक्रियाओं में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टेक्नोलॉजी का उपयोग करने की संभावना का मूल्यांकन करना चाहिए। दुनिया भर में, एआई एल्गोरिदम का उपयोग एडवांस्ड केसलॉ सर्च इंजन, ऑनलाइन विवाद समाधान, विलेखों का मसौदा तैयार करने में सहायता आदि के लिए किया जाता है।"

    जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि एक क्षेत्र, जहां एआई तकनीक को शामिल किया गया है, वह वर्चुअल कोर्ट्स हैं, जिनका उपयोग यातायात चालानों पर निर्णय लेने के लिए किया जा रहा है। ये अदालतें 12 राज्यों में कार्य कर रही हैं-वे सीसीटीवी कैमरों के जर‌िए कैप्चर अपराधों से चालान प्राप्त करती हैं।"

    उन्होंने कहा, "हम इस बात पर विचार कर सकते हैं कि एआई का भविष्यसूचक तकनीक का उपयोग कैसे फालतू मुकदमे की पहचान करने, लंबित मामलों को कम करने और उत्पादकता में सुधार करने में हमारी सहायता कर सकता है। कृत्रिम बुद्धिमत्ता का उपयोग राज्य सरकारों के लिए एक मार्गदर्शक होगा, और मैं गुजरात सरकार से अपील करूंगा भूमि अधिग्रहण जैसे मामलों में बेहतर भविष्यसूचक परिणाम प्राप्त करने के लिए एआई का उपयोग करें।"

    जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा, "प्रौद्योगिकी को परिवर्तन के सूत्रधार के रूप में समझा जाना चाहिए, लेकिन परिवर्तन का चालक मानव म‌‌स्तिष्क रहा है और होना चाहिए। मानव म‌‌स्तिष्क की एकमात्र सीमा परिवर्तन और अनुकूलन के लिए मानवीय प्रतिबद्धता है।"

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