सुप्रीम कोर्ट वीकली राउंड अप : जानिए सुप्रीम कोर्ट में कैसा रहा पिछला सप्ताह

LiveLaw News Network

4 April 2021 5:15 AM GMT

  • सुप्रीम कोर्ट वीकली राउंड अप : जानिए सुप्रीम कोर्ट में कैसा रहा पिछला सप्ताह

    15 मार्च 2021 से 02 अप्रैल 2021 तक सुप्रीम कोर्ट के कुछ ऑर्डर/जजमेंट पर एक नज़र

    आरोप की गंभीरता प्रासंगिक कारकः सुप्रीम कोर्ट ने लेडी डॉक्टर की हत्या के आरोपी की जमानत रद्द की

    सुप्रीम कोर्ट ने केरल हाईकोर्ट के उस आदेश को रद्द कर दिया है, जिसमें एक महिला डॉक्टर की हत्या के आरोपी व्यक्ति को जमानत दे दी गई थी। जस्टिस इंदिरा बनर्जी और जस्टिस कृष्ण मुरारी की पीठ ने कहा कि आरोपों की गंभीरता जमानत के आवेदनों पर विचार करते समय प्रासंगिक विचारों में से एक है। अभियोजन के मामले के अनुसार, आरोपी महेश ने 28 सितंबर 2020 को अपराह्न करीब 3.30 बजे एक तीस साल की महिला डॉक्टर पर चाकू से हमला कर उसकी हत्या कर दी थी। घटना के समय महिला डॉक्टर अपने मल्टीस्पेशलिटी डेंटल क्लिनिक में मौजूद थी।

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    कौशाम्बी-गाजियाबाद रूट के लिए एक व्यापक यातायात प्रबंधन योजना की आवश्यकता हैः सुप्रीम कोर्ट संवैधानिक समिति

    सुप्रीम कोर्ट ने कौशाम्बी-गाजियाबाद रूट के लिए एक "व्यापक यातायात प्रबंधन योजना" विकसित करने के लिए एक समिति का गठन किया है। जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस एमआर शाह और जस्टिस संजीव खन्ना की खंडपीठ ने कौशांबी अपार्टमेंट रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष द्वारा संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत दायर एक रिट याचिका में इस संबंध में एक निर्देश पारित किया। इस निर्देश में कौशाम्बी-गाजियाबाद में रहने वाले लोगों के सामने आने वाली समस्याओं की भयावहता पर प्रकाश डाला गया।

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    पीआईएल को सिर्फ इसलिए फेंका नहीं जा सकता क्योंकि याचिकाकर्ता एक प्रतिद्वंद्वी राजनीतिक दल से संबंधित है ' : सुप्रीम कोर्ट

    सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में कहा है कि एक जनहित याचिका केवल इसलिए नहीं फेंकी जा सकती क्योंकि याचिकाकर्ता एक प्रतिद्वंद्वी राजनीतिक दल से संबंधित है। न्यायालय ने कहा है कि राजनीतिक संबद्धता वाले व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति की तरह ही जनहित याचिका दायर करने के हकदार हैं। न्यायालय ने अपने आदेश में नंदीग्राम हिंसा मामले में बंगाल की सीएम ममता बनर्जी के चुनाव एजेंट एसके सुपियान के खिलाफ एफआईआर को पुनर्जीवित करने के मामले में अंतरिम राहत देने के आदेश दिए हैं।

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    POCSO: टीन-एज रिलेशनशिप के मामलों में अपराधों के कंपाउंडिंग की मांग करने वाली याचिका पर नोटिस जारी किया

    सुप्रीम कोर्ट ने उस विशेष अनुमति याचिका पर नोटिस जारी किया है, जिसमें यह सवाल उठाया गया है कि किसी किशोर लड़का के 18 वर्ष से कम उम्र की लड़की के साथ संबंध बनाने पर POCSO अधिनियम (प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रन फ्रॉम सेक्सुअल अफेंसेस) के तहत यौन उत्पीड़न का मामला बनता है या नहीं। यह याचिका को मारुथुपंडी बनाम राज्य में मद्रास हाईकोर्ट के एक आदेश के खिलाफ दायर की गई है, जिसमें कहा गया है कि नाबालिग लड़की को प्यार हो जाता है और वह अपने साथी के साथ सहमति से संबंध बनाती है, तो लड़के के खिलाफ POCSO अधिनियम के प्रावधान लागू होंगे।

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    सुप्रीम कोर्ट में होली पर हुई विशेष सुनवाई; बलात्कार के आरोपी व्यक्ति को अग्रिम जमानत दी

    सुप्रीम कोर्ट ने 'होली' पर आयोजित की गई एक विशेष सुनवाई गोवा के एक रेस्टोरेंट जूडो लोबो को अग्रिम जमानत दी। लोबो के खिलाफ दिल्ली की एक महिला ने बलात्कार के आरोप में एफआईआर दर्ज कराई थी। । जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस एस अब्दुल नजीर की खंडपीठ ने 26 मार्च को दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा दिए गए आदेश को चुनौती देते हुए लोबो द्वारा दायर विशेष अनुमति याचिका पर विचार करने के लिए विशेष सुनवाई आयोजित की थी। दिल्ली हाईकोर्ट ने 26 मार्च को दिए अपने आदेश में लोबो की जमानत याचिका खारिज कर दी थी।

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    सुप्रीम कोर्ट ने पत्नी को 2.60 करोड़ रुपए का मेंटेनेंस एरियर न देने पर एक व्यक्ति को 3 महीने की सिविल कारावास की सजा सुनाई

    सुप्रीम कोर्ट ने एक व्यक्ति को अदालत की अवमानना के मामले में तीन महीने की सिविल कारावास की सजा सुनाई है क्योंकि उसने अपनी पत्नी को 1.75 लाख रुपये के मासिक भरण-पोषण के साथ-साथ 2.60 करोड़ रुपये के बकाया भरण-पोषण भत्ते का भुगतान भी नहीं किया। मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे और जस्टिस एएस बोपन्ना और जस्टिस वी रामासुब्रमण्यम की एक बेंच ने हालिया आदेश में कहा कि, ''हमने पहले ही (प्रतिवादी) काफी लंबा समय दे चुके हैं। प्रतिवादी (पति) ने दिए गए अवसरों का उपयोग नहीं किया है। इसलिए, हम इस अदालत की अवमानना के लिए प्रतिवादी को दंडित करते हैं और उसे तीन महीने के सिविल कारावास की सजा देते हैं।''

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    शिक्षाविद देखें कि यूनिफॉर्म सिविल कोड गोवा में कैसे काम करता हैः CJI बोबडे

    CJI एसए बोबडे ने शनिवार को शिक्षाविदों से अनुरोध किया कि वे देखें कि यूनिफॉर्म सिविल कोड गोवा निवासियों को, अलग-अलग धर्मों के बावजूद, शादी और उत्तराधिकार के मुद्दों पर कैसे नियंत्रित करता है। गोवा में बॉम्बे हाईकोर्ट के नए भवन के उद्घाटन समारोह में बोलते हुए, CJI ने कहा कि गोवा में साढ़े चार शताब्दियों तक फैली न्याय प्रशासन की विरासत को स्वीकार किया जाना चाहिए। "गोवा के पास वह है, जिसकी संविधान निर्माताओं ने भारत के लिए परिकल्पना ‌की थी - एक समान नागरिक संहिता। और मुझे उस कोड के तहत न्याय प्रदान करने का महान विशेषाधिकार प्राप्त हुआ है। मैंने यूनिफॉर्म सिविल कोड के बारे में बहुत सारी अकादमिक बातें सुनी हैं। मैं सभी बुद्धिजीवियों से अनुरोध करूंगा कि वह यहां आएं और यह देखे कि न्याय प्रणाली क्या होती है।"

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    मामूली विसंगति गवाह के बयान पर अविश्वास का आधार नहीं हो सकती, सुप्रीम कोर्ट ने दोहराया

    सुप्रीम कोर्ट ने एक बार फिर कहा है कि केवल तथ्यात्मक विवरणों में विरोधाभास ही गवाहों के साक्ष्यों पर अविश्वास का आधार हो सकता है, न कि मामूली विरोधाभास। न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति आर. सुभाष रेड्डी की खंडपीठ ने कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ हत्या के अभियुक्त की अपील खारिज करते हुए यह टिप्पणी की। ट्रायल कोर्ट ने हत्या के अभियुक्त को बरी कर दिया था, जिसे हाईकोर्ट ने पलट दिया था। बेंच ने रिकॉर्ड पर लाये गये साक्ष्यों का हवाला देते हुए कहा कि यदि रिकॉर्ड में लाये गये दस्तावेजी साक्ष्यों और मेडिकल साक्ष्यों के साथ अभियोजन पक्ष के गवाहों के बयान पर विचार किया जाता है तो यह पूरी तरह स्पष्ट होता है कि उनके साक्ष्य स्वाभाविक, विश्वास योग्य और स्वीकार्य हैं। ट्रायल कोर्ट ने कुछ मामूली विरोधाभासों का हवाला देते हुए उनके साक्ष्यों पर भरोसा नहीं किया है। कोर्ट ने कहा कि इस मामले के गवाह देहाती व्यक्ति हैं और यह घटना उस वक्त घटी थी जब वे मजदूरी करके अपने घर लौट रहे थे।

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    नोएडा से दिल्ली तक का 20 मिनट का सफर दो घंटे में होना किसी दुःस्वप्न की तरह बन गया हैः सुप्रीम कोर्ट ने नोएडा निवासी महिला की याचिका पर नोटिस जारी किया

    सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार और दिल्ली पुलिस आयुक्त को यह सुनिश्चित करने के लिए नोटिस जारी किया कि सड़क मार्ग को साफ रखा जाए ताकि एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाने का मार्ग प्रभावित न हो। पीठ नोएडा निवासी एक महिला द्वारा दायर एक रिट याचिका पर विचार कर रही थी, जिसने आरोप लगाया था कि उसकी दिल्ली की यात्रा सामान्य 20 मिनट के बजाय दो घंटे में पूरी हो रही है। न्यायमूर्ति संजय किशन कौल की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष व्यक्तिगत रूप से पेश हुईं मोनिस्का अग्रवाल ने कहा कि वह नोएडा में रहती हैं और उन्हें अपनी मार्केटिंग की नौकरी के सिलसिले में दिल्ली आना पड़ता है। उसने कहा कि कोर्ट द्वारा सड़कों को साफ रखने के लिए विभिन्न दिशा-निर्देशों के दिए जाने के बावजूद अभी भी ऐसा नहीं हो सका।

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    कौशाम्बी-गाजियाबाद रूट के लिए एक व्यापक यातायात प्रबंधन योजना की आवश्यकता हैः सुप्रीम कोर्ट संवैधानिक समिति

    सुप्रीम कोर्ट ने कौशाम्बी-गाजियाबाद रूट के लिए एक "व्यापक यातायात प्रबंधन योजना" विकसित करने के लिए एक समिति का गठन किया है। जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस एमआर शाह और जस्टिस संजीव खन्ना की खंडपीठ ने कौशांबी अपार्टमेंट रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष द्वारा संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत दायर एक रिट याचिका में इस संबंध में एक निर्देश पारित किया। इस निर्देश में कौशाम्बी-गाजियाबाद में रहने वाले लोगों के सामने आने वाली समस्याओं की भयावहता पर प्रकाश डाला गया।

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