महिला जिला जज को चाइल्ड केयर लीव देने से इनकार, सुप्रीम कोर्ट ने मांगा सरकार और हाईकोर्ट से जवाब
Shahadat
29 May 2025 3:38 PM IST

सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड राज्य और झारखंड हाईकोर्ट को महिला एडिशनल जिला जज की याचिका पर नोटिस जारी किया, जिसमें चाइल्ड केयर लीव की अस्वीकृति को चुनौती दी गई।
चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) बीआर गवई और जस्टिस एजी मसीह की खंडपीठ ने याचिका पर नोटिस जारी करते हुए पूछा कि याचिकाकर्ता ने पहले सीधे हाईकोर्ट का रुख क्यों नहीं किया।
इस पर याचिकाकर्ता के वकील ने जवाब दिया कि हाईकोर्ट की छुट्टियों के दौरान, वर्तमान मामले को अत्यावश्यक नहीं माना जा सकता।
याचिकाकर्ता अनुसूचित जाति श्रेणी से न्यायिक अधिकारी और एकल अभिभावक है। उन्होंने जून-दिसंबर तक चाइल्ड केयर लीव की मांग की, जिसे बिना कोई वैध कारण बताए खारिज किया गया।
वकील ने कहा,
"मैंने (याचिकाकर्ता) 2.5 साल की अवधि में 4660 मामलों का निपटारा किया। एकल अभिभावक, मायलॉर्ड्स, समाज के सबसे निचले तबके से आते हैं, मायलॉर्ड्स।"
बाल देखभाल नियमों के अनुसार, याचिकाकर्ता 730 दिनों की छुट्टी की हकदार है; वर्तमान में, वह 6 महीने की छुट्टी मांग रही है।
खंडपीठ ने निर्देश दिया कि प्रतिवादियों को नोटिस दिया जाए और कहा कि "पक्षों को नोटिस दिया जाता है कि अदालत जल्द से जल्द याचिका का अंतिम रूप से निपटारा कर सकती है"
सीजेआई ने आगे कहा,
"आज तुरंत (नोटिस) तामील करें।"
इस मामले की सुनवाई अगले सप्ताह होगी।
Case Details : KASHIKA M PRASAD Versus STATE OF JHARKHAND AND ORS. W.P.(C) No. 554/2025

