सुप्रीम कोर्ट ने इंटरनेट की कीमतों के विनियमन की मांग वाली जनहित याचिका खारिज की
Shahadat
24 Feb 2025 2:12 PM IST

सुप्रीम कोर्ट ने इंटरनेट की कीमतों के विनियमन की मांग वाली जनहित याचिका खारिज की। कोर्ट ने याचिकाकर्ता को वैकल्पिक वैधानिक उपाय तलाशने की स्वतंत्रता दी।
चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) संजीव खन्ना और जस्टिस संजय कुमार की खंडपीठ याचिकाकर्ता रजत द्वारा दायर जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी।
चीफ जस्टिस ने बताया कि उपभोक्ताओं के पास इंटरनेट सेवाओं का लाभ उठाने के लिए कई विकल्प हैं, उन्होंने समझाया:
"यह एक मुक्त बाजार है, आपको लैन मिलता है, आपको वायर्ड इंटरनेट मिलता है, अन्य इंटरनेट भी हैं, बीएसएनएल और एमटीएनएल भी आपको इंटरनेट दे रहे हैं।"
याचिकाकर्ता ने रेखांकित किया कि अन्य विकल्प उपलब्ध हो सकते हैं, लेकिन बाजार का अधिकांश हिस्सा वर्तमान में जियो, रिलायंस के पास है।
उन्होंने कहा,
"वे दे रहे हैं, लेकिन बाजार हिस्सेदारी देखिए, माई लॉर्ड- बाजार हिस्सेदारी का 80% हिस्सा जियो (रिलायंस) के पास है।"
हालांकि, चीफ जस्टिस ने बीच में हस्तक्षेप करते हुए कहा:
"नहीं, कृपया, फिर भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग के पास जाएं।"
खंडपीठ ने याचिका खारिज करते हुए निम्नलिखित आदेश पारित किया:
"हम भारत के संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत वर्तमान याचिका पर विचार करने के लिए इच्छुक नहीं हैं, याचिका खारिज की जाती है। हालांकि, हम स्पष्ट करते हैं कि यदि याचिकाकर्ता उचित वैधानिक उपाय का सहारा लेना चाहता है तो वह ऐसा करने के लिए स्वतंत्र है, हम इस संबंध में कोई टिप्पणी नहीं करते हैं।"
केस टाइटल: रजत बनाम भारत संघ | डब्ल्यू.पी.(सी) नंबर 000136/2025

