सुप्रीम कोर्ट ने बांग्लादेश में हिंदुओं की सुरक्षा के लिए जनहित याचिका पर विचार करने से किया इनकार
Shahadat
25 Feb 2025 4:27 AM

सुप्रीम कोर्ट ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यक समुदायों पर लक्षित हिंसा से हिंदुओं की सुरक्षा की मांग करने वाली जनहित याचिका पर विचार करने से इनकार किया।
चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) संजीव खन्ना और जस्टिस संजय कुमार की खंडपीठ लुधियाना के भगवान जगन्नाथ रथ यात्रा महोत्सव समिति के अध्यक्ष राजेश ढांडा द्वारा दायर जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जो इस्कॉन मंदिर संचालन बोर्ड के उपाध्यक्ष भी हैं।
खंडपीठ ने शुरू में पड़ोसी देश के विदेशी मामलों और आंतरिक घटनाक्रमों के मुद्दों में हस्तक्षेप करने से इनकार किया।
सीजेआई ने कहा:
"यह विदेशी मामलों से संबंधित है। यह न्यायालय दूसरे देश के मामलों पर कैसे टिप्पणी कर सकता है? यह बहुत अजीब होगा अगर यह न्यायालय दूसरे देश, वह भी पड़ोसी देश में हस्तक्षेप करे!"
खंडपीठ की सलाह पर याचिकाकर्ता की ओर से पेश सीनियर एडवोकेट मुकुल रोहतगी ने जनहित याचिका वापस ली।
खंडपीठ ने निम्नलिखित आदेश दर्ज किया:
"याचिकाकर्ता की ओर से उपस्थित सीनियर एडवोकेट मुकुल रोहतगी वर्तमान रिट याचिका को वापस लेने की अनुमति चाहते हैं तथा कहते हैं कि याचिकाकर्ता सरकार से संपर्क कर सकता है। उपर्युक्त बातों को दर्ज करते हुए रिट याचिका को वापस लिया गया मानकर खारिज किया जाता है।"
याचिकाकर्ता ने इसके अतिरिक्त (1) बांग्लादेश से भागे हिंदुओं को नागरिकता प्राप्त करने के लिए आवेदन प्रस्तुत करने की समय-सीमा बढ़ाने की मांग की; (2) विदेश मंत्रालय (MEA) तथा गृह मंत्रालय (MHA) को बांग्लादेश में स्थित उच्चायोग के माध्यम से हिंदू अल्पसंख्यकों को सहायता प्रदान करने का निर्देश देने की मांग की; (3) पड़ोसी राज्य में अल्पसंख्यकों के विरुद्ध चल रहे अत्याचारों को रोकने के लिए अंतर्राष्ट्रीय कानून के अनुसार बांग्लादेश पर वैश्विक दबाव बनाने की आवश्यकता।
केस टाइटल: राजेश ढांडा बनाम भारत संघ विदेश मंत्रालय तथा अन्य | डब्ल्यू.पी.(सी) नंबर 153/2025