सुप्रीम कोर्ट ने मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी के खिलाफ दायर मानहानि का मामला खारिज किया
Shahadat
8 Sept 2025 12:17 PM IST

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार (8 सितंबर) को भारतीय जनता पार्टी (BJP, तेलंगाना) द्वारा राज्य के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मामला बहाल करने की मांग वाली याचिका खारिज की।
चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) बीआर गवई, जस्टिस के विनोद चंद्रन और जस्टिस अतुल एस चंदुरकर की बेंच तेलंगाना हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें BJP के राज्य महासचिव करम वेंकटेश्वर लाल द्वारा रेड्डी के इस बयान पर दायर की गई शिकायत खारिज कर दी गई कि BJP लोकसभा चुनाव में 400 सीटें जीतने पर SC/ST/OBC आरक्षण समाप्त कर देगी।
जैसे ही मामला सुनवाई के लिए आया, चीफ जस्टिस ने याचिकाकर्ताओं के वकील, सीनियर एडवोकेट रंजीत कुमार से कहा, "खारिज।" जब कुमार ने मामले पर फिर से ज़ोर देने की कोशिश की तो चीफ जस्टिस ने कहा,
"हमने कई मौकों पर दोहराया कि अदालतों को राजनीतिक युद्धक्षेत्र में नहीं बदला जा सकता।"
कुमार ने जब मामले को आगे बढ़ाने की कोशिश की तो चीफ जस्टिस गवई ने कहा,
"अगर आप राजनीति में हैं तो आपको मोटी चमड़ी रखनी चाहिए। खारिज।"
जस्टिस के. लक्ष्मण की हाईकोर्ट की पीठ ने तर्क दिया कि (1) मानहानिकारक टिप्पणियां (यदि कोई हों) राष्ट्रीय BJP पार्टी के विरुद्ध की गईं। BJP (तेलंगाना) को CrPC की धारा 199(1) के तहत 'पीड़ित व्यक्ति' नहीं माना जा सकता; (2) वेंकटेश्वर राव ने व्यक्तिगत रूप से शिकायत दर्ज कराई और शिकायत में कहीं भी यह उल्लेख नहीं था कि BJP का सदस्य होने के कारण उन्हें पीड़ित व्यक्ति माना जाना चाहिए।
हाईकोर्ट ने यह भी कहा कि जहां राजनीतिक भाषण शामिल हैं, वहां CrPC की धारा 199 के तहत मानहानि का आरोप लगाने और शिकायत दर्ज करने की सीमा अधिक होगी।
हाईकोर्ट ने कहा,
"राजनीतिक भाषणों को अक्सर बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया जाता है। यह आरोप लगाना कि ऐसे भाषण मानहानिकारक हैं, एक और अतिशयोक्ति है।"
रेवंत रेड्डी पर आरोप है कि उन्होंने अपने भाषण में यह संकेत दिया कि अगर BJP 2024 के लोकसभा चुनावों में 400 से ज़्यादा सीटें जीतती है तो वह संविधान में बदलाव करेगी और आरक्षण को ख़त्म कर देगी।
इससे आहत होकर BJP (तेलंगाना) के महासचिव ने आपराधिक शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद निचली अदालत ने रेड्डी को नोटिस जारी किया। भारतीय दंड संहिता (BNS) की धारा 120ए, 124ए, 153, 153ए, 153बी, 171सी, 171जी, 499, 505 और 511 तथा जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 125 के तहत आपराधिक मामला दर्ज करने का आदेश दिया।
आदेश और शिकायत को चुनौती देते हुए रेड्डी ने हाईकोर्ट का रुख किया।
Case : Bharatiya Janata Party (Telangana) v A. Revanth Reddy | SLP (Crl). 13483/2025.

