सुप्रीम कोर्ट ने रजिस्ट्री को दो तुच्छ जनहित याचिकाओं पर जुर्माना वसूलने का निर्देश दिया
Shahadat
9 Dec 2024 11:49 AM IST
सुप्रीम कोर्ट ने रजिस्ट्री को निर्देश दिया कि वह एडवोकेट सचिन गुप्ता द्वारा दायर दो तुच्छ याचिकाओं पर लगाए गए जुर्माने की वसूली के लिए कानून के तहत अनुमति के अनुसार कार्रवाई करे।
जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस मनोज मिश्रा की खंडपीठ दो जनहित याचिकाओं (पीआईएल) पर लगाए गए जुर्माने की वसूली के संबंध में स्वप्रेरणा से दायर विविध आवेदन पर सुनवाई कर रही थी, जिसे 2023 में तीन जजों की पीठ ने प्रक्रिया का दुरुपयोग करार दिया था। कोर्ट ने दोनों याचिकाओं पर 25,000 रुपये प्रत्येक का जुर्माना लगाया।
4 जुलाई, 2023 को भारत के पूर्व चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की सुप्रीम कोर्ट की खंडपीठ ने दो जनहित याचिकाओं को खारिज कर दिया, जिनमें क्रमशः "जाति व्यवस्था के पुनर्वर्गीकरण" और "वैकल्पिक आरक्षण नीति बनाने के लिए आरक्षण को धीरे-धीरे समाप्त करने" की मांग की गई।
न्यायालय ने जनहित याचिकाओं को दृढ़ता से खारिज करते हुए उन्हें योग्यता की कमी और न्यायिक प्रक्रिया का दुरुपयोग बताया। इसके अतिरिक्त, न्यायालय ने याचिकाकर्ता पर तुच्छ मुकदमेबाजी के खिलाफ निवारक के रूप में जुर्माना भी लगाया।
पहली जनहित याचिका का उद्देश्य जाति व्यवस्था को पुनर्वर्गीकृत करना था। जनहित याचिका से नाराज होकर पीठ ने न केवल उसे खारिज कर दिया, बल्कि याचिकाकर्ता को जुर्माना भी भरने का आदेश दिया।
पूर्व सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा-
"यह ऐसी जनहित याचिका का उदाहरण है, जो न्यायालय की प्रक्रिया का दुरुपयोग है। याचिकाकर्ता को सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के एडवोकेट वेलफेयर फंड में 25,000 रुपये का जुर्माना भरना होगा। याचिकाकर्ता को 2 सप्ताह में रसीद प्रस्तुत करनी होगी।"
इस कार्यवाही के बाद न्यायालय ने उसी याचिकाकर्ता द्वारा दायर अन्य जनहित याचिका पर विचार किया, जिसमें आरक्षण को धीरे-धीरे समाप्त करने और वैकल्पिक आरक्षण नीति को लागू करने की वकालत की गई। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने इस जनहित याचिका को भी दृढ़ता से खारिज कर दिया और जुर्माना लगाया।
केस टाइटल: एडवोकेट सचिन गुप्ता बनाम भारत संघ और अन्य, एमए 1367/2024 इन डब्ल्यू.पी.(सी) नंबर 470/2023 और एडवोकेट सचिन गुप्ता बनाम भारत संघ और अन्य एमए 1368/2024 इन डब्ल्यू.पी.(सी) नंबर 471/2023