सुप्रीम कोर्ट ने जया शेट्टी हत्याकांड में गैंगस्टर छोटा राजन की ज़मानत रद्द की, कहा- 'ऐसे व्यक्ति की सज़ा क्यों स्थगित?'
Shahadat
17 Sept 2025 12:15 PM IST

सुप्रीम कोर्ट ने गैंगस्टर राजेंद्र सदाशिव निकालजे, उर्फ़ छोटा राजन को बॉम्बे हाईकोर्ट द्वारा दी गई ज़मानत रद्द कर दी। उसे 2001 में होटल व्यवसायी जया शेट्टी की हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सज़ा सुनाई गई थी।
जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संदीप मेहता की खंडपीठ ने एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू (CBI की ओर से) की सुनवाई के बाद यह आदेश पारित किया। खंडपीठ ने कहा कि छोटा राजन चार अन्य मामलों में दोषी ठहराया जा चुका है और 27 साल तक फरार रहा।
जस्टिस मेहता ने टिप्पणी की,
"चार दोषसिद्धि और 27 साल की फरारी...ऐसे व्यक्ति की सज़ा क्यों स्थगित?"
छोटा राजन की ओर से पेश हुए वकील ने तर्क दिया कि यह बिना सबूत का मामला है और 71 में से 47 मामलों में CBI को उसके खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला, इसलिए उसने मामले बंद कर दिए। एक विशिष्ट प्रश्न पर, वकील ने स्वीकार किया कि वर्तमान दोषसिद्धि हत्या के मामले में छोटा राजन की दूसरी दोषसिद्धि है। अंततः, अदालत को छोटा राजन की ज़मानत रद्द करने पर मजबूर होना पड़ा।
अभियोजन पक्ष के अनुसार, दक्षिण मुंबई स्थित गोल्डन क्राउन होटल की मालकिन पीड़िता जया शेट्टी को राजन के गिरोह से जबरन वसूली की धमकियां मिल रही थीं। उन्हें पुलिस सुरक्षा प्राप्त थी, जो उनकी हत्या से दो महीने पहले वापस ले ली गई। शेट्टी की 4 मई, 2001 को उनके कार्यालय के बाहर गिरोह के दो कथित सदस्यों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी, जब शेट्टी ने कथित तौर पर 50,000 रुपये की मांगी गई राशि का भुगतान करने से इनकार कर दिया था।
मई, 2024 में मुंबई की स्पेशल मकोका अदालत ने छोटा राजन को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। उसे कई आरोपों में दोषी पाया गया:
1. IPC की धारा 302 (हत्या) और 120-बी (आपराधिक षड्यंत्र) के तहत राजन को आजीवन कारावास और 1,00,000 रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई गई। जुर्माना न भरने पर एक साल की अतिरिक्त साधारण कैद की सज़ा होगी।
2. MCOCA की धारा 3(1)(i), 3(2) और 3(4) के तहत राजन को 5,00,000 रुपये के जुर्माने के साथ आजीवन कारावास की सज़ा सुनाई गई। इन जुर्माने की अदायगी न करने पर प्रत्येक मामले में एक साल की अतिरिक्त साधारण कैद की सज़ा भी होगी।
चारों आजीवन कारावास की सज़ाएं एक साथ चलेंगी और अदालत ने छोटा राजन पर कुल 16,00,000 रुपये का जुर्माना लगाया। उसे शस्त्र अधिनियम की धारा 3, 25 और 27 के तहत आरोपों से बरी कर दिया गया। यह आजीवन कारावास राजन की दूसरी सज़ा थी; वह पहले से ही 2011 में पत्रकार ज्योतिर्मय डे की हत्या के जुर्म में सज़ा काट रहा था।
छोटा राजन को अक्टूबर, 2015 में बाली में गिरफ्तार किया गया और भारत प्रत्यर्पित किया गया। उस पर महाराष्ट्र में 71 मामलों में आरोप थे, जिन्हें CBI को ट्रांसफर कर दिया गया था।
Case Title: CENTRAL BUREAU OF INVESTIGATION, NEW DELHI Versus RAJENDRA SADASHIV NIKALJE @ CHHOTA RAJAN @ NANA SHETH @ SIR AND ANR., Diary No. 5707-2025

