क्या प्री-इंस्टिट्यूशन मध्यस्थता का पालन न करने पर O VII R 11 CPC के तहत कॉमर्शियल केस खारिज किया जाना चाहिए? सुप्रीम कोर्ट करेगा जांच
Shahadat
11 Feb 2025 3:01 PM IST

सुप्रीम कोर्ट इस सवाल की जांच करेगा कि क्या वाणिज्यिक न्यायालय अधिनियम की धारा 12A के अनुसार प्री-इंस्टिट्यूशन मध्यस्थता का पालन न करने पर वाणिज्यिक मुकदमे को शुरू में ही खारिज कर दिया जाना चाहिए।
विशेष अनुमति याचिका में नोटिस जारी करते हुए चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) संजीव खन्ना और जस्टिस पीवी संजय कुमार की खंडपीठ ने टिप्पणी की:
"इस न्यायालय द्वारा विचार किए जाने वाला प्रश्न यह है कि क्या वाणिज्यिक न्यायालय अधिनियम, 2015 की धारा 12A का पालन न करने के कारण O VII R 11 CPC के तहत मुकदमे को खारिज किया जाना चाहिए, या इसे स्थगित रखा जाना चाहिए, जिसमें पक्षों को पहले मध्यस्थता स्थापित करके समझौते की संभावना तलाशने का निर्देश दिया गया हो।"
2022 में सुप्रीम कोर्ट ने मेसर्स पाटिल ऑटोमेशन प्राइवेट लिमिटेड और अन्य बनाम रखेजा इंजीनियर्स प्राइवेट लिमिटेड 2022 लाइव लॉ (एससी) 678 में माना कि व्यावसायिक मुकदमों में पूर्व-संस्था मध्यस्थता अनिवार्य थी।
न्यायालय ने उक्त निर्णय में घोषित किया,
"हम घोषणा करते हैं कि अधिनियम की धारा 12ए अनिवार्य है। मानते हैं कि धारा 12ए के अधिदेश का उल्लंघन करने वाले किसी भी मुकदमे को आदेश VII नियम 11 के तहत शिकायत को खारिज कर दिया जाना चाहिए। इस शक्ति का प्रयोग न्यायालय द्वारा स्वप्रेरणा से भी किया जा सकता है।"
केस टाइटल: नोवेंको बिल्डिंग एंड इंडस्ट्री ए/एस बनाम ज़ेरो एनर्जी इंजीनियरिंग सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड और एएनआर | एसएलपी (सी) 2753/2025

