'डिजिटल अरेस्ट घोटालों के ज़रिए 3000 करोड़ रुपये की वसूली चौंकाने वाली': सुप्रीम कोर्ट जारी करेगा सख्त निर्देश

Shahadat

3 Nov 2025 8:33 PM IST

  • डिजिटल अरेस्ट घोटालों के ज़रिए 3000 करोड़ रुपये की वसूली चौंकाने वाली: सुप्रीम कोर्ट जारी करेगा सख्त निर्देश

    सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को इस बात पर हैरानी जताई कि पूरे भारत में पीड़ितों ने डिजिटल अरेस्ट घोटाले में सामूहिक रूप से लगभग ₹3000 करोड़ का नुकसान उठाया।

    ऑनलाइन घोटालों और प्रतिरूपण रैकेट में वृद्धि को रोकने के लिए स्वतः संज्ञान से शुरू किए गए एक मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की खंडपीठ ने स्थिति को "चौंकाने वाला" बताया और तत्काल और कड़े न्यायिक हस्तक्षेप की आवश्यकता पर बल दिया।

    जांच एजेंसियों द्वारा प्रस्तुत सीलबंद लिफाफे पर गौर करने के बाद जस्टिस कांत ने कहा,

    "यह चौंकाने वाला है कि अकेले हमारे देश में पीड़ितों से लगभग ₹3000 करोड़ रुपये वसूले गए। अगर हम इसे अभी नज़रअंदाज़ करते हैं और कठोर आदेश नहीं दे पाते हैं तो समस्या और बढ़ जाएगी। हम इससे सख्ती से निपटने के लिए दृढ़ हैं।"

    अदालत को बताया गया कि इन घोटालों में अक्सर साइबर अपराधी कानून प्रवर्तन अधिकारी बनकर पीड़ितों, खासकर सीनियर सिटीजन को आपराधिक आरोपों या जांच के झूठे बहाने से बड़ी रकम हस्तांतरित करने के लिए मजबूर करते हैं।

    केंद्र सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने इन अपराधों की मानवीय कीमत पर प्रकाश डालते हुए कहा:

    “खासकर पीड़ित वृद्ध लोग हैं, यह सबसे दयनीय पहलू है।”

    जस्टिस कांत ने ज़ोर देकर कहा कि यदि आवश्यक हो तो अदालत कड़े निर्देश जारी करने में संकोच नहीं करेगी। साथ ही चेतावनी दी कि अनियंत्रित डिजिटल धोखाधड़ी डिजिटल शासन और कानून प्रवर्तन प्रणालियों में जनता का विश्वास कम कर सकती है।

    इससे पहले, अदालत ने हरियाणा के सीनियर सिटीजन दंपति, जो ऐसे ही एक साइबर धोखाधड़ी के शिकार हुए थे, उनसे एक पत्र प्राप्त होने के बाद मामले का स्वतः संज्ञान लिया था।

    पिछले हफ़्ते अदालत ने राज्यों के सभी ऐसे मामलों को CBI को ट्रांसफर करने का प्रस्ताव रखा था और सभी राज्यों को नोटिस जारी किया था।

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