New Delhi Railway Station Stampede | भीड़ प्रबंधन के बेहतर उपायों के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर
Shahadat
17 Feb 2025 4:59 PM IST

नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर शनिवार को हुई भगदड़ के मद्देनजर, सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई, जिसमें ऐसी दुर्घटनाओं को रोकने के उपाय सुझाने के लिए एक्सपर्ट कमेटी गठित करने की मांग की गई।
नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हुई उक्त भगदड़ में कम से कम अठारह लोगों की मौत हो गई।
याचिकाकर्ता एडवोकेट विशाल तिवारी ने संघ और राज्यों को राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा 2014 में प्रस्तुत रिपोर्ट को लागू करने के निर्देश देने की भी मांग की, जिसका शीर्षक था "कार्यक्रमों और सामूहिक सभा के स्थानों पर भीड़ का प्रबंधन करना।"
याचिकाकर्ता ने भारतीय रेलवे को रेलवे स्टेशनों पर यात्रियों की सुरक्षा के लिए उपाय करने के निर्देश देने की मांग की, जैसे कि गलियारों को चौड़ा करना, बड़े ओवरब्रिज और प्लेटफॉर्म का निर्माण करना, रैंप और एस्केलेटर के माध्यम से व्यस्त समय के दौरान प्लेटफॉर्म तक आसान पहुंच सुनिश्चित करना आदि। यह सुझाव दिया गया कि अंतिम समय में ट्रेनों के आगमन या प्रस्थान प्लेटफॉर्म में किसी भी तरह के बदलाव से सख्ती से बचना चाहिए। साथ ही काउंटरों को स्टेशनों की क्षमता से अधिक टिकट वितरित नहीं करने चाहिए।
याचिकाकर्ता ने कहा कि प्रयागराज जाने वाली ट्रेन के प्रस्थान प्लेटफॉर्म को अंतिम समय में बदलने के कारण भगदड़ मची। उन्होंने कहा कि रेलवे स्टेशनों पर ऐसी घटनाएं पहले भी हो चुकी हैं।
उन्होंने कहा,
"ये बार-बार होने वाली त्रासदियां नई दिल्ली रेलवे स्टेशन जैसे महत्वपूर्ण परिवहन केंद्रों पर भीड़ प्रबंधन और सुरक्षा उपायों को बढ़ाने की तत्काल आवश्यकता को उजागर करती हैं। सरकार और रेल मंत्रालय अच्छी तरह से जानते हैं कि जब एक बड़ा महाकुंभ चल रहा है। सभी राज्यों से लाखों लोग रेलवे स्टेशनों से सवार हो रहे हैं। तब रेलवे को पर्याप्त व्यवस्था और सुरक्षा उपाय करने चाहिए। सोशल मीडिया और समाचार रिपोर्टों पर कई वीडियो हैं, जो रेलवे स्टेशनों पर अराजक स्थिति को दिखाते हैं, जहां लोग परेशान हैं। बोगियां पूरी तरह भरी हुईं, एक इंच भी जगह नहीं छोड़ी गई और लोग बोरी की तरह भरे हुए थे। यहां तक कि आरक्षण सीटों को भी नहीं बख्शा गया और कुप्रबंधन देखा गया।"
हाल ही में महाकुंभ मेले में भगदड़ के मद्देनजर उसी याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर की। सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर विचार करने से इनकार करते हुए याचिकाकर्ता को हाई कोर्ट जाने को कहा।
अन्य वकील ने जस्टिस ओक की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष मामले का उल्लेख किया और सुप्रीम कोर्ट से भगदड़ का स्वतः संज्ञान लेने का अनुरोध किया। हालांकि, जस्टिस ओक ने कहा कि यह उल्लेख चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) के समक्ष किया जाना चाहिए।

