HNLU ने छत्तीसगढ़ पुलिस अधिकारियों के लिए “नए आपराधिक कानूनों” पर एक दिवसीय पुनश्चर्या पाठ्यक्रम आयोजित किया

Praveen Mishra

22 Nov 2025 5:22 PM IST

  • HNLU ने छत्तीसगढ़ पुलिस अधिकारियों के लिए “नए आपराधिक कानूनों” पर एक दिवसीय पुनश्चर्या पाठ्यक्रम आयोजित किया

    हिदायतुल्लाह राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय (एचएनएलयू), रायपुर ने छत्तीसगढ़ के कार्यरत पुलिस अधिकारियों के लिए “नए आपराधिक कानूनों” पर एक दिवसीय पुनश्चर्या पाठ्यक्रम का आयोजन शुक्रवार को विश्वविद्यालय परिसर में किया। यह कार्यक्रम सेंटर फॉर कम्पेरेटिव लॉ, स्कूल ऑफ लॉ एंड गवर्नेंस, एचएनएलयू द्वारा नेताजी सुभाषचंद्र बोस राज्य पुलिस अकादमी, छत्तीसगढ़ के सहयोग से आयोजित हुआ।

    यह प्रशिक्षण कार्यक्रम एचएनएलयू और छत्तीसगढ़ पुलिस के बीच वर्ष 2024 में हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापन (MoU) के अंतर्गत आयोजित किया गया, जिसका उद्देश्य पुलिस अधिकारियों के कौशल उन्नयन और क्षमता निर्माण को सुदृढ़ करना है। इसी एमओयू के तहत विश्वविद्यालय डीएसपी परिवीक्षाधीन अधिकारियों तथा 950 नव नियुक्त उपनिरीक्षकों के लिए वर्षभर चलने वाला 'फाउंडेशन ट्रेनिंग प्रोग्राम' भी संचालित कर रहा है। अब तक विश्वविद्यालय 10,000 से अधिक पुलिस कर्मियों को प्रशिक्षित कर चुका है, जो राज्य में कानून के शासन को मजबूत करने में एचएनएलयू की दीर्घकालीन प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

    उद्घाटन सत्र

    कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. (डॉ.) वी.सी. विवेकानंदन ने कहा कि इस प्रकार की पहलें “अकादमिक संस्थानों और कानून प्रवर्तन एजेंसियों के बीच सहयोग का एक आदर्श मॉडल हैं, जो संस्थागत क्षमता निर्माण को बढ़ावा देते हुए नागरिक-केंद्रित और संवेदनशील पुलिसिंग को प्रोत्साहित करती हैं।”

    कार्यक्रम का उद्देश्य

    इस एक दिवसीय पाठ्यक्रम का उद्देश्य कार्यरत पुलिस अधिकारियों को नए आपराधिक कानूनों की व्यवहारिक समझ प्रदान करना, फील्ड-लेवल अनुभव साझा करना और उभरती चुनौतियों पर रचनात्मक संवाद स्थापित करना था। अधिकारियों ने जाँच प्रक्रियाओं, साक्ष्य संबंधी प्रथाओं एवं व्यावहारिक कठिनाइयों पर चर्चा की और विशेषज्ञों से समाधान प्राप्त किए।

    शैक्षणिक सत्र एवं प्रमुख विषय

    पाठ्यक्रम के दौरान विश्वविद्यालय के प्राध्यापकों द्वारा निम्न विषयों पर विस्तृत चर्चा की गई:

    1. आईपीसी से बीएनएस तक: पुलिसिंग में वास्तविक बदलाव

    भारतीय न्याय संहिता (BNS) के अंतर्गत आपराधिक विधि में संरचनात्मक सुधार और उनके व्यवहारिक प्रभावों पर विमर्श।

    2. महिलाओं और बच्चों से संबंधित प्रावधानों में सुधार

    संवेदनशीलता, सुरक्षा और जवाबदेही सुनिश्चित करने हेतु नए कानूनों में किए गए प्रगतिशील बदलावों का विश्लेषण।

    3. भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS): नयी प्रक्रियागत रूपरेखा

    जाँच, गिरफ्तारी, तलाशी, मुकदमा संचालन और अभियोजन प्रक्रियाओं में हुए परिवर्तनों पर विस्तृत चर्चा।

    4. भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 2023: डिजिटल युग में साक्ष्य का भविष्य

    इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य, 'चेन ऑफ कस्टडी' और तकनीकी जाँच की विश्वसनीयता पर विशेष जोर।

    सभी सत्रों में नए कानूनों के प्रायोगिक प्रभाव, प्रक्रियागत सुधार, पीड़ित-केंद्रित दृष्टिकोण और डिजिटल साक्ष्य के बढ़ते महत्व पर प्रकाश डाला गया।

    निष्कर्ष

    यह पहल एचएनएलयू की शासन, न्याय वितरण और सार्वजनिक प्रशासन में सार्थक योगदान देने की सतत प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है। विश्वविद्यालय का यह मिशन एक सक्षम, नैतिक और नागरिक-उत्तरदायी पुलिस बल के निर्माण की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण कदम है, जो बदलती सामाजिक आवश्यकताओं का प्रभावी ढंग से सामना कर सके।

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