'हेट स्पीच हमें कहीं नहीं ले जाती, आग से लगे घाव भर सकते हैं, लेकिन शब्दों से लगे घाव नहीं भरते': जस्टिस केवी विश्वनाथन
Shahadat
24 Jun 2025 10:04 AM IST

"हेट स्पीच हमें कहीं नहीं ले जाती" सुप्रीम कोर्ट जज जस्टिस केवी विश्वनाथन ने वजाहत खान (शर्मिष्ठा पनोली के मामले में शिकायतकर्ता) की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की। वजाहत खान अपने पुराने सोशल मीडिया पोस्ट में कथित आपत्तिजनक टिप्पणियों को लेकर कई राज्यों में शिकायतों/FIR का सामना कर रहे हैं।
जस्टिस विश्वनाथन और जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह की खंडपीठ खान की उस याचिका पर विचार कर रही थी, जिसमें सोशल मीडिया पोस्ट के माध्यम से धार्मिक भावनाओं को कथित रूप से ठेस पहुंचाने के आरोप में उनके खिलाफ दर्ज FIR को एक साथ करने की मांग की गई थी।
उल्लेखनीय है कि खान द्वारा प्रभावशाली व्यक्ति और लॉ स्टूडेंट शर्मिष्ठा पनोली के खिलाफ शिकायत करने के बाद FIR दर्ज की गई, जिन्हें गिरफ्तार किया गया था। हालांकि, बाद में अंतरिम जमानत पर रिहा कर दिया गया था।
सीनियर एडवोकेट दामा शेषाद्रि नायडू (खान के लिए) की सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल के अलावा अन्य राज्यों में दर्ज FIR में खान की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी।
दिलचस्प बात यह है कि सीनियर वकील ने दलीलें इस टिप्पणी के साथ शुरू कीं कि खान शायद वही काट रहे हैं, जो उन्होंने बोया है।
खंडपीठ ने अपने आदेश में भी यही बात दर्ज की।
आदेश सुनाने के बाद जस्टिस विश्वनाथन ने प्रसिद्ध कहावत का भी उल्लेख किया कि आग से लगे घाव तो भर सकते हैं, लेकिन ज़बान से लगे घाव नहीं भरते।
आदेश पारित होने के कुछ समय बाद सीनियर एडवोकेट हुजेफा अहमदी, जो एक अन्य मामले के लिए अदालत में मौजूद थे, उन्होंने मार्टिन लूथर किंग जूनियर के अन्य उद्धरण की ओर अदालत का ध्यान आकर्षित किया - "घृणा घृणा को दूर नहीं कर सकती, केवल प्रेम ही कर सकता है।"
उन्होंने टिप्पणी की,
"यह प्रतिशोध अंतहीन हो सकता है।"
Case Title: WAZAHAT KHAN Versus UNION OF INDIA AND ORS., W.P.(Crl.) No. 247/2025

