बिना किसी मुआवजा के हुए तलाक समझौते की सुप्रीम कोर्ट ने की तारीफ़, बताया- दुर्लभ समझौता

Shahadat

11 Dec 2025 1:07 PM IST

  • बिना किसी मुआवजा के हुए तलाक समझौते की सुप्रीम कोर्ट ने की तारीफ़, बताया- दुर्लभ समझौता

    आपसी सहमति से एक अलग हो चुके जोड़े के तलाक को मंज़ूरी देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को उस महिला की सराहना की, जिसने शादी के समय पति की मां द्वारा दिए गए सोने के कंगन लौटा दिए। कोर्ट ने यह भी कहा कि यह एक "दुर्लभ समझौता" है, क्योंकि पत्नी ने कोई पैसे का दावा नहीं किया।

    जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस केवी विश्वनाथन की बेंच इस मामले की सुनवाई कर रही थी। शुरुआत में, महिला के वकील ने बताया कि उसने कोई गुज़ारा भत्ता या कोई और पैसे का मुआवज़ा नहीं मांगा। जब कोर्ट को बताया गया कि सिर्फ़ कंगन ही लौटाने बाकी हैं तो बेंच ने सोचा कि पत्नी ने स्त्रीधन वापस मांगा। हालांकि, तुरंत ही पत्नी के वकील ने जवाब दिया कि यह महिला ही है, जो शादी के समय मिले गहने वापस कर रही है।

    इस पर जस्टिस पारदीवाला ने टिप्पणी की कि यह एक बहुत ही "दुर्लभ समझौता" है, जो कोर्ट ने देखा है और तलाक की डिक्री का आदेश पारित किया।

    कोर्ट ने अपने आदेश में लिखा:

    "यह उन दुर्लभ समझौतों में से एक है, जो हमने देखे हैं, जहां कुछ भी नहीं मांगा गया। इसके विपरीत, पत्नी ने सोने के कंगन लौटा दिए, जो उसे शादी के समय तोहफ़े में मिले थे। हमें बताया गया कि ये कंगन पति की मां के हैं। हम इस तरह के अच्छे काम की सराहना करते हैं, जो आजकल बहुत कम देखने को मिलता है।"

    जब पत्नी वीडियो कॉन्फ्रेंस के ज़रिए जुड़ पाई तो जस्टिस पारदीवाला ने उससे कहा:

    "हमने देखा कि यह उन दुर्लभ मामलों में से एक है, जहां किसी चीज़ का कोई लेन-देन नहीं हुआ है। हम सराहना करते हैं। अतीत को भूल जाओ और खुशहाल ज़िंदगी जियो।"

    फिर कोर्ट ने अंतिम आदेश पारित किया:

    "ऊपर बताई गई परिस्थितियों में हम अनुच्छेद 142 के तहत अपनी शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए पार्टियों के बीच शादी को खत्म करते हैं। यदि पार्टियों के बीच कोई अन्य कार्यवाही है तो उसे रद्द किया जाता है।"

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