डॉ. सुब्रमण्यम स्वामी ने सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर कर राम सेतु को राष्ट्रीय स्मारक का दर्जा देने पर केंद्र से फैसला मांगा
Shahadat
26 May 2025 11:23 AM

पूर्व राज्यसभा सांसद डॉ. सुब्रमण्यम स्वामी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर केंद्र सरकार को निर्देश देने की मांग की कि वह राम सेतु पुल को राष्ट्रीय स्मारक का दर्जा देने और राम सेतु को राष्ट्रीय महत्व के प्राचीन स्मारक के रूप में भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा सर्वेक्षण कराने के लिए उनके आवेदन पर समय पर निर्णय ले।
जनहित में दायर की गई डॉ. स्वामी की याचिका में कहा गया कि केंद्र सरकार राम सेतु को किसी भी तरह के दुरुपयोग, प्रदूषण या अपवित्रता से बचाने के लिए बाध्य है।
इसमें कहा गया,
"यह पुरातत्व स्थल राम सेतु को तीर्थस्थल मानने वाले लोगों की आस्था और श्रद्धा का विषय है।"
उल्लेखनीय है कि डॉ. स्वामी द्वारा दायर अन्य याचिका, जिसमें सेतु समुंद्रम शिप चैनल परियोजना के लिए वैकल्पिक मार्ग खोजने के लिए प्रतिवादियों को परमादेश देने की मांग की गई ताकि ड्रेजिंग आदि के कारण ऐतिहासिक राम सेतु को नुकसान न पहुंचे, सुप्रीम कोर्ट के समक्ष लंबित है।
इस परियोजना के तहत व्यापक ड्रेजिंग द्वारा मन्नार और पाक जलडमरूमध्य को जोड़ने वाली 83 किलोमीटर लंबी नहर बनाई जानी थी। इस परियोजना का राम सेतु पर प्रभाव पड़ने का आरोप है। जनवरी, 2023 में न्यायालय ने राम सेतु को राष्ट्रीय धरोहर का दर्जा देने की मांग करने वाले मामले में दायर एक आवेदन पर विचार किया।
सुनवाई के दौरान, केंद्र ने न्यायालय को बताया कि संस्कृति मंत्रालय में 'राम सेतु' को राष्ट्रीय धरोहर का दर्जा देने पर विचार करने की प्रक्रिया चल रही है। इसके अलावा, एसजी तुषार मेहता ने सुझाव दिया कि डॉ. स्वामी मंत्रालय के समक्ष एक अभ्यावेदन करें।
इस पृष्ठभूमि में आवेदन का निपटारा कर दिया गया, जिसमें डॉ. स्वामी को स्वतंत्रता दी गई कि यदि वे अपने अभ्यावेदन पर लिए गए निर्णय से व्यथित हैं तो वे अपने कानूनी उपायों का लाभ उठा सकते हैं। अब, 27.01.2023 और 13.05.2025 को अभ्यावेदन देने के बाद पूर्व सांसद ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। दावा किया कि मंत्रालय द्वारा आज तक उन्हें या कोर्ट को अभ्यावेदन पर कोई निर्णय नहीं बताया गया है।
उन्होंने आगे बताया कि दूसरे मामले में अभी तक संघ द्वारा कोई जवाबी हलफनामा दायर नहीं किया गया। हालांकि, हलफनामा दायर किया गया, लेकिन उसे वापस ले लिया गया।
Case Title: DR. SUBRAMANIAN SWAMY VERSUS UNION OF INDIA AND OTHERS.