केरल हाईकोर्ट के जज ने पुलिस महानिदेशक को पत्र लिखकर किया अनुरोध, बेहद जरूरी न हो तो लॉकडाउन तोड़ने वालों के खिलाफ बल प्रयोग न करें

LiveLaw News Network

29 March 2020 11:26 AM GMT

  • केरल हाईकोर्ट के जज ने पुलिस महानिदेशक को पत्र लिखकर किया अनुरोध, बेहद जरूरी न हो तो लॉकडाउन तोड़ने वालों के खिलाफ बल प्रयोग न करें

    केरल हाईकोर्ट के जज, जस्टिस देवन रामचंद्रन ने पुलिस महानिदेशक लोकनाथ बेहेरा को पत्र लिखा है और अनुरोध किया है कि वे पुलिस अधिकारियों को निर्देश दें कि वे लॉकडाउन का उल्लंघन कर रहे लोगों के खिलाफ बल प्रयोग न करें, जब तक कि बहुत ही जरूरी न हो।

    उन्होंने पत्र में लिखा है-

    "सोशल मीडिया पर ऐसे वीडियों क्लिपिंग प्रसारित हो रही हैं, जिनमें पुलिस अधिकारी ऐसे लोगों की पिटाई कर रहे हैं, जिन्होंने जानबूझकर लॉक डाउन का उल्लंघन किया है। मुझे नहीं पता कि उनमें से कोई केरल का है या नहीं। लेकिन, मेरा अनुरोध है कि आप सभी पुलिस अधिकारियों को निर्देश दें कि वे बल प्रयोग न करें, जब तक कि यह बेहद जरूरी न हो और ऐसे स्थिति में भी आवश्यक सीमा तक ही बल प्रयोग करें।"

    पुलिस महानिदेश को उन्होंने सुझाव दिया है कि वे पुलिस अधिकारियों को लॉक-डाउन अवधि में आम जनता से बातचीत करते हुए 'सोशल डिस्टेंसिंग प्रोटोकॉल' को बनाए रखने निर्देश दें।

    जॉन हॉपकिंस स्कूल ऑफ मेडिसिन के अनुसार- ' सोशल डिस्टेंसिंग का मतलब, बीमारी को फैलाने से बचने के लिए जानबूझकर एक-दूसरे के बीच शारीरिक दूरी बढ़ाना है।'

    कोविड-19 महामारी के मद्देनजर, केरल ने 23 मार्च 2020 राज्य में पूरी तरह से लॉकडाउन लागू किया है। 'जरूरी सेवाओं' को छोड़कर अन्य सभी सेवाओं को निलंबित कर दिया गया है। लोगों को घरों में रहने की सलाह दी गई है।

    केरल सरकार ने हाल ही में 'एपीडिमिक ड‌िजीज ऑर्डिनेंस 2020' की घोषणा की है, जिसका उद्देश्य महामारी रोकने और विनियमित करने से संबंधित कानूनों को एकजुट करना और समेकित करना है।

    अपने पत्र में जस्टिस रामचंद्रन ने कोविड-19 संकट के दौर में पुलिस बल आश्चर्यजनक और समर्पित सेवा की प्रशंसा करते हुए, पुलिसकर्मियों से अनुरोध किया है कि वे भी आम लोगों से बातचीत करते हुए सोशल डिस्टेंसिंग प्रोटोकॉल का पालन करें ताकि उनकी सेहत और सुरक्षा को नुकसान न हो।

    पढ़ें जस्टिस रामचंद्रन का पत्र

    श्री लोकनाथ बेहेरा,

    ऐसे समय में, नर्सों, डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों के बाद, पुलिस अधिकारी हमारे असली हीरो हैं - जिन पर नागरिक को भरोसा है।

    पुलिस बल सराहनीय काम कर रहा है। इन दिनों उनकी प्रतिबद्धता और संकल्प निश्चित रूप से शीर्ष पर है।

    हालांकि इन सभी के बीच में, पुलिस अधिकारियों की सुरक्षा और स्वास्थ्य को खतरे में नहीं डाला जा सकता है।

    मैंने कई ऐसी तस्वीरें देखीं हैं, ‌जिन्हें दूसरों ने फॉरवर्ड की थी, जहां सड़कों और गलियों में ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मी एक-दूसरे के बहुत करीब खड़े हैं। पैदल चलने वालों और मोटर चालकों से बात कर रहे हैं, उनके बहुत पास खड़े हैं। कुछ पुलिस अधिकारी भी अनुचित तरीके से लोगों को छूते और धक्का देते नजर आते हैं।

    नागरिक के रूप में हम उस दबाव से वाक‌िफ हैं, जिनसे ये अधिकारी गुजर रहे हैं, उनकी सुरक्षा के साथ बिलकुल भी समझौता नहीं किया जाना चाहिए।

    इसलिए, अपने ड्यूटी पर मौजूद अपने अधिकारियों को निर्देश दें कि वे एक-दूसरे से कम से कम कुछ मीटर की दूरी बनाए रखें, साथ ही मोटर चालकों और पैदल चलने वालों से भी दूरी बनाए रखें। कृपया उन्हें निर्देश दें कि जब तक कि बेहद जरूरी न हो, किसी व्यक्ति को न छूएं।

    एक और बात, सोशल मीडिया पर ऐसी वीडियो क्लिप शेयर की जा रही हैं, जिनमें पुलिस अधिकारी उन लोगों की पिटाई कर रहे हैं, जिन्होंने जानबूझकर लॉकडाउन का उल्लंघन किया हैं। मुझे नहीं पता, उनमें से कोई केरल का है या नहीं। लेकिन, मेरा आपसे अनुरोध है कि अपने अधिकारियों को निर्देश देंकि किसी भी कीमत पर वे ऐसा न करें, जब तक कि बल प्रयोग बेहद जरूरी न हो, ऐसी स्थिति में भी केवल आवश्यक सीमा तक ही ऐसा करें।

    आपको और आपके अधिकारियों को शुभकामनाएं.

    (जस्टिस देवन रामचंद्रन)

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