केंद्र सरकार ने आईपीसी, सीआरपीसी और साक्ष्य अधिनियम को बदलने के लिए पेश किए गए विधेयक वापस लिए
Shahadat
12 Dec 2023 11:23 AM IST
केंद्र सरकार ने भारतीय दंड संहिता (आईपीसी), भारतीय साक्ष्य अधिनियम और आपराधिक संहिता (सीआरपीसी) के स्थान पर लोकसभा में पेश किए गए तीन आपराधिक कानून सुधार विधेयकों - भारतीय न्याय संहिता, भारतीय साक्ष्य विधेयक और भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता को वापस लेने का फैसला किया।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 11 दिसंबर को लोकसभा के सदस्यों को सूचित किया कि संसदीय समिति द्वारा अनुशंसित परिवर्तनों को शामिल करने के बाद तीन आपराधिक विधेयकों को वापस ले लिया जाएगा और तीन नए विधेयकों के साथ बदल दिया जाएगा।
विधेयकों को लोकसभा के मानसून सत्र में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा पेश किया गया और उन्हें गृह मामलों की संसदीय स्थायी समिति को भेजा गया।
पिछले महीने समिति ने प्रस्तावित विधेयकों पर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की, जिसमें विभिन्न बदलावों का सुझाव दिया गया। उदाहरण के लिए, समिति ने सिफारिश की कि व्यभिचार को अपराध मानने का प्रावधान - जिसे 2018 में सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दिया - उसको जेंटर-न्यूट्रल रूप में पेश किया जाना चाहिए। इसने गैर-सहमति वाले समलैंगिक कृत्यों को अपराध मानने के लिए आईपीसी की धारा 377 के समान प्रावधान को बनाए रखने की भी सिफारिश की।
पैनल ने डिजिटल साक्ष्य को सुरक्षित करने के लिए नए सीआरपीसी बिल में प्रावधानों की भी सिफारिश की। इसमें गिरफ्तारी के 15 दिनों से अधिक की पुलिस हिरासत की अनुमति देने वाले प्रावधान को लेकर भी चिंताएं व्यक्त की गईं। इसने यह भी सुझाव दिया कि ऑनलाइन एफआईआर के तौर-तरीके राज्यों पर छोड़ दिए जाएं।