अगस्ता वेस्टलैंड घोटाला | सुप्रीम कोर्ट ने स्थानीय पता बताने की जमानत शर्त के खिलाफ क्रिश्चियन मिशेल की याचिका खारिज की
Shahadat
29 May 2025 9:19 AM

अगस्ता वेस्टलैंड वीवीआईपी हेलिकॉप्टर घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा लगाई गई जमानत शर्त को चुनौती देने वाली ब्रिटिश नागरिक क्रिश्चियन मिशेल की याचिका सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की।
जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संजय कुमार की खंडपीठ ने हाईकोर्ट के उस निर्देश पर मिशेल की आपत्ति खारिज की, जिसमें उसे रिहा होने के बाद रहने का पता बताने की जरूरत बताई गई थी।
न्यायालय ने याचिका खारिज करते हुए जस्टिस नाथ ने टिप्पणी की,
"तिहाड़ जेल के अंदर आपका स्थायी पता है, वहीं रहें। हो गया। क्या करें? आपको जमानत मिल गई। आप स्थानीय पता बताने की शर्त भी पूरी नहीं करना चाहते।"
मिशेल ने दिल्ली हाईकोर्ट के मार्च, 2025 के आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा दर्ज मनी लॉन्ड्रिंग मामले में उसकी जमानत शर्तों को संशोधित किया गया।
हाईकोर्ट ने मिशेल को 50 हजार रुपये का निजी मुचलका भरने की अनुमति दी थी। 5 लाख रुपये के निजी और जमानती बांड के लिए पहले के निर्देशों के स्थान पर 5 लाख रुपये और 10 लाख रुपये की नकद जमानत।
इसने मिशेल को तुरंत अपना पासपोर्ट जमा किए बिना रिहा करने की अनुमति दी, क्योंकि उसका पिछला पासपोर्ट समाप्त हो चुका था। हालांकि, हाईकोर्ट ने निर्देश दिया कि ब्रिटिश उच्चायोग को जारी किए जाने पर उसका नया पासपोर्ट सीधे ट्रायल कोर्ट में जमा करना होगा।
हाईकोर्ट ने आगे निर्देश दिया कि मिशेल को वह पता बताना चाहिए, जहां वह रिहाई के बाद रहने का इरादा रखता है। इस पते को उसकी रिहाई से पहले ट्रायल कोर्ट द्वारा सत्यापित किया जाएगा। इस शर्त को मिशेल ने वर्तमान याचिका में चुनौती दी।
सुनवाई के दौरान, मिशेल के वकील ने कहा कि उसके पास कोई स्थानीय पता नहीं है और हिरासत से रिहा किए जाने तक वह इस शर्त को पूरा नहीं कर सकता। उन्होंने आगे कहा कि उनके पास कोई पासपोर्ट नहीं है और उनकी पत्नी ने उन्हें तलाक दे दिया है। उन्होंने यह भी कहा कि हाईकोर्ट के पास विदेशी प्राधिकरण, ब्रिटिश उच्चायोग को निर्देश जारी करने का अधिकार नहीं है।
जस्टिस विक्रम नाथ ने टिप्पणी की,
"यदि आप पेश होने की व्यवस्था कर सकते हैं तो आप अपना मामला आगे बढ़ा सकते हैं। आपके पास कोई संपर्क होना चाहिए। वह पता दें।"
वकील ने जब जवाब दिया कि पता यूके में है तो जस्टिस नाथ ने पूछा,
"कोई आपको (मिशेल के वकील) निर्देश दे रहा होगा, कौन है?"
वकील ने जवाब दिया कि यह परिवार है।
वकील ने कहा कि मिशेल रिहाई के बाद पता दे सकता है, लेकिन पहले नहीं।
जस्टिस कुमार ने टिप्पणी की,
"अगर वे आपको निर्देश दे सकते हैं तो वे उसे ले जा सकते हैं।"
वकील ने जवाब दिया कि ब्रिटिश उच्चायोग ने ऐसी व्यवस्था की है।
जस्टिस नाथ ने कहा,
"ब्रिटिश उच्चायोग को उसका ख्याल रखने दें। यह सब एक बहाना है।"
अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर सौदे में कथित अवैध लेन-देन के लिए बिचौलिया होने के आरोपी क्रिश्चियन मिशेल को दिसंबर, 2018 में दुबई से भारत प्रत्यर्पित किए जाने के बाद ED ने गिरफ्तार किया था। CBI ने आरोप लगाया कि 8 फरवरी, 2010 को 556.262 मिलियन यूरो मूल्य के वीवीआईपी हेलिकॉप्टरों की आपूर्ति के लिए किए गए सौदे में सरकारी खजाने को 398.21 मिलियन यूरो (करीब 2666 करोड़) का अनुमानित नुकसान हुआ था।
इसके बाद ED ने जून, 2016 में मिशेल के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया, जिसमें आरोप लगाया गया कि उसने अगस्ता वेस्टलैंड से 30 मिलियन यूरो (करीब 225 करोड़ रुपये) प्राप्त किए थे। घोटाले से संबंधित CBI मामले में उन्हें 18 फरवरी, 2025 को सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दी थी और बाद में 4 मार्च, 2025 को ED मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने भी जमानत दी। हालांकि, जमानत की शर्तें पूरी न होने के कारण वह जेल में ही हैं।
Case Title – Christian James Michel v. Directorate of Enforcement