पूर्व विधायक अब्बास अंसारी गैंगस्टर एक्ट मामले में ज़मानत शर्तों में ढील की मांग को लेकर पहुंचे सुप्रीम कोर्ट
Shahadat
15 Aug 2025 5:18 PM IST

उत्तर प्रदेश के पूर्व विधायक अब्बास अंसारी ने उत्तर प्रदेश गैंगस्टर एक्ट के मामले में ज़मानत की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में गुहार लगाई कि उनकी अंतरिम ज़मानत की शर्तों में संशोधन किया जाए ताकि उन्हें भारत में यात्रा करने से पहले निचली अदालत की पूर्व अनुमति न लेनी पड़े।
यह मामला जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की खंडपीठ के समक्ष था। सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल (अंसारी की ओर से) ने बताया कि 2022 के एक भड़काऊ भाषण मामले में हाल ही में दोषी ठहराए जाने और 2 साल की कैद की सजा सुनाए जाने के बाद अंसारी विधायक पद के लिए अयोग्य हो गए।
बता दें, जनप्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 8(3) के तहत यदि किसी विधायक को दोषी ठहराया जाता है। 2 साल या उससे अधिक की कैद की सजा सुनाई जाती है तो उसे तुरंत विधानसभा की सदस्यता से अयोग्य घोषित कर दिया जाता है।
सिब्बल ने दलील दी कि अंसारी ने लखनऊ स्थित अपना घर खो दिया, जहां वह रह रहे थे, जबकि लखनऊ स्थित उनके अन्य घरों को राज्य सरकार ने ध्वस्त कर दिया। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि अदालत के आदेश के अनुसार, अंसारी गाज़ीपुर नहीं जा सकते (क्योंकि अब वे विधायक नहीं हैं); अंसारी के ससुर को ब्रेन हेमरेज हुआ है, लेकिन वे जयपुर नहीं जा सकते और अंसारी के छोटे भाई को हाल ही में "सुबह 4 बजे" गिरफ़्तार किया गया था। ऐसे में परिवार की देखभाल करने वाला कोई नहीं है, जिसमें उनका 2 साल का बेटा भी शामिल है।
ज़मानत की शर्तों में ढील देने की अपील करते हुए सिब्बल ने यह भी कहा कि अंसारी निचली अदालत में सभी तारीखों पर पेश हुए, लेकिन राज्य सरकार उनके छूट लेने को लेकर शिकायत कर रही है।
उन्होंने ज़ोर देकर कहा,
"मैंने कुछ भी ग़लत नहीं किया।"
जवाब में जस्टिस कांत ने कहा कि अदालत ने अंसारी पर यात्रा प्रतिबंध नहीं लगाया। बल्कि, अगर वे यात्रा करना चाहते हैं, तो उन्हें केवल निचली अदालत से पूर्व अनुमति लेनी होगी।
सिब्बल ने जवाब में कहा,
"लेकिन मैं क्यों जाऊं? मैंने ऐसा क्या किया है कि मुझे ये सब सहना पड़ रहा है? मेरे ख़िलाफ़ कुछ भी नहीं है। मैंने सब कुछ खो दिया। मैं अपने परिवार की देखभाल भी नहीं कर सकता! मुझे हर बार भारत आने-जाने के लिए ट्रायल कोर्ट क्यों जाना पड़े?"
यह कहते हुए कि उपरोक्त कथनों को रिकॉर्ड में दर्ज किया जाना चाहिए था, खंडपीठ ने मामले को अगले सप्ताह पुनः सूचीबद्ध कर दिया और अंसारी से संक्षिप्त हलफ़नामा दाखिल करने को कहा।
संक्षेप में मामला
न्यायालय ने इस वर्ष मार्च में अंसारी को कड़ी शर्तों के साथ अंतरिम ज़मानत दी। न्यायालय ने निर्देश दिया कि वह लखनऊ स्थित अपने आधिकारिक आवास पर ही रहेंगे। केवल विधायक के निर्वाचन क्षेत्र, यानी मऊ, की यात्रा की अनुमति ट्रायल कोर्ट और ज़िला पुलिस को पूर्व सूचना देने पर ही दी गई। मई में न्यायालय ने अंसारी की अंतरिम ज़मानत की शर्तों में संशोधन किया और उन्हें लखनऊ स्थित अपने आधिकारिक आवास से अपने निर्वाचन क्षेत्र (यानी मऊ) की यात्रा के लिए तीन रातों के लिए अपने गाज़ीपुर स्थित आवास पर रहने की अनुमति दी।
Case Title: ABBAS ANSARI v. STATE OF UTTAR PRADESH, SLP(Crl) No. 1091/2025

