जस्टिस अमृता सिन्हा के पुलिस कार्रवाई से संबंधित मामलों की सुनवाई से रोकने के निर्णय में संशोधन की मांग को लेकर याचिका दायर
Shahadat
7 Jun 2024 10:33 AM IST
एक वकील ने कलकत्ता हाईकोर्ट में जनहित याचिका (पीआईएल) दायर की। उक्त याचिका में जस्टिस अमृता सिन्हा के रोस्टर/निर्णय में संशोधन करने की मांग की गई, जिससे उन्हें पुलिस की अति-कार्रवाई या निष्क्रियता से संबंधित मामलों की सुनवाई से रोका जा सके।
इस मामले की सुनवाई जस्टिस अपूर्व सिन्हा रे और जस्टिस कौशिक चंदा की खंडपीठ ने की, जिन्होंने मामले को आवश्यक निर्देशों के लिए चीफ जस्टिस टीएस शिवगनम के समक्ष प्रस्तुत करने का निर्देश दिया।
याचिकाकर्ता वकील संजय दास ने दावा किया कि चूंकि पश्चिम बंगाल सीआईडी जस्टिस सिन्हा के पति पर अपनी पत्नी के कार्यालय का उपयोग कर जांच को प्रभावित करने के आरोप में जांच कर रही है, इसलिए पुलिस मामलों पर उनके निर्णय से न्यायिक प्रणाली में जनता का विश्वास नहीं बढ़ेगा।
इससे पहले, सुप्रीम कोर्ट ने याचिका का निपटारा किया। उक्त याचिका में दावा किया गया था कि जज और उनके पति ने कथित तौर पर शिकायतकर्ता को प्रभावित करने का प्रयास करके चल रही पुलिस जांच में हस्तक्षेप करने का प्रयास किया था।
याचिका पर सुनवाई के बाद खंडपीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता ने 'कानून का वैध प्रश्न' उठाया है।
तदनुसार, मामले को चीफ जस्टिस के समक्ष रखा, जिससे वह अपनी प्रशासनिक शक्तियों का प्रयोग कर सकें।
मामला चीफ जस्टिस टीएस शिवगनम के समक्ष उस दिन रखा गया है, जिस दिन न्यायालय ग्रीष्मावकाश से पुनः खुलेगा, यानी 10 जून को।
केस टाइटल: संजय दास - बनाम - रजिस्ट्रार जनरल, माननीय उच्च न्यायालय, कलकत्ता