कलकत्ता हाईकोर्ट ने वैवाहिक घर छोड़ने के 3 साल बाद पति के खिलाफ पत्नी द्वारा दायर क्रूरता का मामला खारिज किया

Shahadat

12 Dec 2024 9:54 AM IST

  • कलकत्ता हाईकोर्ट ने वैवाहिक घर छोड़ने के 3 साल बाद पति के खिलाफ पत्नी द्वारा दायर क्रूरता का मामला खारिज किया

    कलकत्ता हाईकोर्ट ने पत्नी द्वारा अपने पति के खिलाफ आईपीसी की धारा 498ए के तहत दायर मामला खारिज कर दिया, जिसमें उसने अपने वैवाहिक घर छोड़ने के तीन साल बाद उसके प्रति क्रूरता का आरोप लगाया था। जबकि पत्नी ने 2020 में पति का घर छोड़ दिया था, उसने 2023 में उस पर क्रूरता का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज कराई।

    जस्टिस शम्पा (दत्त) पॉल ने कहा:

    दोनों मामलों में आरोप पक्षों के बीच वैवाहिक विवाद से उत्पन्न हुए हैं। यह भी देखा गया कि वर्ष 2020 से जब उसने पहला मामला दायर किया, तब से शिकायतकर्ता ने अपना वैवाहिक घर छोड़ दिया है। अब लगभग तीन साल बाद 13.04.2023 को वर्तमान मामला शुरू किया। तदनुसार, न्याय के हित में और कानून की प्रक्रिया के दुरुपयोग को रोकने के लिए मामला खारिज किया जाता है।

    वर्तमान पुनर्विचार आवेदन में पश्चिम मेदिनीपुर के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष लंबित भारतीय दंड संहिता की धारा 498ए/323/307/34 के तहत 2023 में दर्ज कार्यवाही को इस आधार पर रद्द करने की मांग की गई कि यह उसी आरोप पर दूसरी प्राथमिकी है।

    याचिकाकर्ता के वकील ने प्रस्तुत किया कि याचिकाकर्ता पहले से ही निजी विपक्षी पक्ष द्वारा दिनांक 04.06.2020 को भारतीय दंड संहिता की धारा 498ए/323/506/34 के तहत दायर उसी आरोप पर एक पूर्व मामले में मुकदमे का सामना कर रहा था और उक्त कार्यवाही में मुकदमा शुरू हो गया था।

    कपिल अग्रवाल एवं अन्य बनाम संजय शर्मा एवं अन्य के सुप्रीम कोर्ट के मामले का हवाला देते हुए न्यायालय ने उद्धृत किया कि जबकि एक ही तथ्यों पर अलग-अलग शिकायतें स्वीकार्य थीं, वर्तमान मामले में शिकायतें तीन साल के अंतराल पर थीं। पत्नी के वैवाहिक घर छोड़ने के तीन साल बाद थीं।

    तदनुसार, मामले को रद्द कर दिया गया।

    केस टाइटल: पबित्रा अडक एवं अन्य बनाम पश्चिम बंगाल राज्य एवं अन्य

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