सुप्रीम कोर्ट ने मदुरै-तूतीकोरिन हाईवे पर टोल वसूली रोकने वाले हाईकोर्ट के आदेश पर लगाई रोक

Update: 2025-06-09 08:10 GMT

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार (9 जून) को मद्रास हाईकोर्ट के उस आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी, जिसमें मदुरै-तूतीकोरिन हाईवे की हालत सुधारे जाने तक टोल वसूली पर रोक लगाई गई थी।

जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा और जस्टिस मनमोहन की खंडपीठ ने यह आदेश नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) द्वारा दाखिल विशेष अनुमति याचिका (SLP) पर नोटिस जारी करते हुए दिया।

एएसजी एन. वेंकटारमण NHAI की ओर से पेश हुए और हाईकोर्ट के आदेश पर स्थगन की मांग की।

उत्तरदाताओं की ओर से पेश हुए सीनियर एडवोकेट पी. विल्सन ने स्थगन आदेश का विरोध करते हुए कहा कि टोल वसूली दिनदहाड़े की जा रही लूट है क्योंकि सड़क की हालत बेहद खराब है।

हालांकि सुप्रीम कोर्ट की खंडपीठ ने यह रेखांकित किया कि हाईकोर्ट में दायर याचिका में टोल वसूली को लेकर कोई प्रत्यक्ष निर्देश नहीं मांगा गया।

विल्सन ने कहा कि अन्य मामलों में NHAI ने सड़क की मरम्मत का आश्वासन दिया लेकिन अब तक उसे पूरा नहीं किया गया।

उन्होंने कहा,

"हम हर दिन टोल देते हैं, लेकिन अच्छी सड़क का लाभ नहीं मिलता। यह सीधी लूट है।"

इस पर एएसजी ने जवाब में कहा कि प्रतिदिन 25,000 से अधिक लोग इस सड़क का उपयोग कर रहे हैं।

विल्सन ने जब फिर से स्थगन आदेश का विरोध किया तो अदालत ने उनकी दलील को अस्वीकार करते हुए कहा कि वह काउंटर हलफनामा दाखिल करें और अदालत मामले की विस्तृत सुनवाई बाद में करेगी।

जस्टिस मनमोहन ने कहा,

"फिलहाल उन्हें टोल वसूलने दें, फिर हम देखेंगे।"

3 जून को दिया था हाईकोर्ट ने आदेश

मद्रास हाईकोर्ट की जस्टिस एस.एम. सुब्रमण्यम और जस्टिस ए.डी. मारिया क्लीट की खंडपीठ ने 3 जून को आदेश देते हुए कहा था कि NHAI का दायित्व है कि वह राष्ट्रीय राजमार्गों को अच्छी हालत में रखे तभी वह उपयोगकर्ताओं से टोल वसूल सकता है।

अदालत ने कहा था,

“राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण का कर्तव्य है कि वह राजमार्गों को उचित रूप से बनाए और फिर उपयोगकर्ताओं से टोल शुल्क वसूले। इसके विपरीत, सड़क की हालत खराब है। इसलिए मदुरै-तूतीकोरिन हाईवे पर टोल वसूली अनुचित है। जब तक सड़कें अच्छी हालत में नहीं लाईं जातीं, तब तक उपयोगकर्ताओं से टोल लेना अवैध है।”

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