
सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान हाईकोर्ट को रिट याचिका पर नोटिस जारी किया, जिसमें बिना लंबित चुनौती का निपटारा किए जिला जजों की नई भर्ती प्रक्रिया शुरू करने के निर्णय को चुनौती दी गई।
जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस आर. महादेवन की पीठ ने रजिस्ट्रार जनरल को नोटिस जारी किया।
याचियों की ओर से पेश एडवोकेट-ऑन-रिकॉर्ड नमित सक्सेना ने प्रस्तुत किया कि जुलाई 2024 में सुप्रीम कोर्ट ने 2020 की भर्ती प्रक्रिया को चुनौती देने वाली लंबित याचिका का शीघ्र निपटारा करने का निर्देश दिया था। हालांकि, हाईकोर्ट ने उस मामले का निपटारा किए बिना 2025-26 के लिए नई भर्ती अधिसूचना जारी कर दी।
इस रिट याचिका में याचियों जो परीक्षा में शामिल हुए थे, ने कहा कि वर्ष 2020 में जिला जज परीक्षा के लिए 85 पदों पर भर्ती हेतु विज्ञापन जारी किया गया था।
मुख्य (लिखित) परीक्षा में 788 उम्मीदवार शामिल हुए थे लेकिन केवल 4 उम्मीदवारों को सफल घोषित कर इंटरव्यू के लिए बुलाया गया था।
चयन प्रक्रिया को चुनौती देते हुए याचियों ने पहले सुप्रीम कोर्ट का रुख किया जिसने 17 नवंबर 2022 को उन्हें हाईकोर्ट जाने का निर्देश दिया था।
इसके बाद हाईकोर्ट ने 18 अप्रैल 2023 को राजस्थान हाईकोर्ट के पूर्व जज और इलाहाबाद हाईकोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस गोविंद माथुर को मुख्य परीक्षा की उत्तर पुस्तिकाओं की जांच करने का आदेश दिया था।
जस्टिस माथुर ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि मूल्यांकन में कोई अनियमितता नहीं पाई गई। इस रिपोर्ट के खिलाफ याचियों ने आपत्तियाँ दाखिल कीं और हाईकोर्ट की ओर से जवाब प्रस्तुत किया गया।
इसके बाद हाईकोर्ट ने 14 फरवरी 2024 को परीक्षा प्रकोष्ठ को निर्देश दिया कि प्रतिष्ठित प्रोफेसरों और न्यायविदों की एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया जाए, जो प्रत्येक प्रश्न पत्र की 20 प्रतियां यादृच्छिक रूप से उठाकर गोपनीयता के साथ पुनर्मूल्यांकन करे।
हाईकोर्ट के प्रशासनिक पक्ष द्वारा इस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने 9 जुलाई, 2024 को खारिज कर दिया।
अब याचिकाकर्ताओं ने फिर से सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है यह आरोप लगाते हुए कि 14 फरवरी के आदेश को निष्फल करने के उद्देश्य से हाईकोर्ट ने नई भर्ती अधिसूचना जारी की।
याचिकाकर्ताओं का तर्क है कि जब तक 2020 की भर्ती प्रक्रिया का अंतिम निपटारा नहीं हो जाता तब तक नई भर्ती प्रक्रिया नहीं चलाई जा सकती।
इतना ही नहीं 2024 की भर्ती अधिसूचना में भी वास्तविक रिक्तियों का निर्धारण नहीं किया गया और इसे फरवरी 2024 के आदेश के अंतिम परिणाम के अधीन रखा गया।
केस टाइटल: नरेंद्र मोहन बनाम रजिस्ट्रार (परीक्षा), राजस्थान हाईकोर्ट एवं अन्य