सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय रेलवे में 'कवच' सुरक्षा प्रणाली लागू करने पर केंद्र से स्थिति रिपोर्ट मांगी
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार (5 फरवरी) को ट्रेनों में सुरक्षा-रोधी प्रणाली 'कवच' के कार्यान्वयन की भविष्य की योजना के संबंध में केंद्र सरकार से विस्तृत स्थिति रिपोर्ट मांगी है।
मामले में एडवोकेट विशाल तिवारी ने जनहित याचिका की दायर की है, जिसमें भारत में ट्रेन दुर्घटनाओं के संबंध में सुरक्षा उपायों संबंधित मुद्दे को उठाया गया है। याचिका में कहा गया है कि भारत सरकार ने ट्रेन दुर्घटनाओं को रोकने के लिए कवच प्रणाली को मंजूरी दे दी है। हालांकि, उक्त कवच प्रणाली अभी तक सभी ट्रेनों में लागू नहीं की गई है।
सुनवाई की पिछली तारीख पर, न्यायालय ने भारत के अटॉर्नी जनरल से इस संबंध में सरकार द्वारा अब तक उठाए गए कदमों के बारे में उसे अवगत कराने का अनुरोध किया था।
आज जब मामला जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस केवी विश्वनाथन की की बेंच के सामने सुनवाई के लिए पेश किया गया, तब केंद्र की ओर से पेश वकील ने 'कवच' प्रणाली के तेजी से कार्यान्वयन में कठिनाई का जिक्र किया।
वकील ने कहा, "हम लंबे समय से विदेशी सामग्रियों पर निर्भर रहे हैं, और यदि कोई स्वदेशी प्रतिस्थापन होता है तो अभी भी विदेशी प्रतिस्पर्धा कार्यान्वयन में बाधाएं ला रही है।"
हालांकि वकील ने कहा कि सरकार कवच प्रणाली के क्रियान्वयन को लेकर काफी गंभीर है। जस्टिस कांत ने इस बिंदु पर पूछा- “आपकी भविष्य की योजना क्या है… यह एक महत्वाकांक्षी परियोजना है, यह कोई ऐसी चीज़ नहीं है जिसे एक महीने या साल भर में किया जा सके… इसमें आपको बहुत समय भी लग सकता है…।”
इसके अलावा, जस्टिस विश्वनाथन ने वकील से पूछा कि क्या कोई रिपोर्ट मौजूद है, जो बताती है कि कुछ संसदीय प्रश्नों के उत्तर में यह प्रणाली आंशिक रूप से लागू की गई है। "कुछ रिपोर्टें हैं कि इसे आंशिक रूप से एक निश्चित सीमा तक लागू किया गया है..."
इस पर वकील ने जवाब दिया कि पूरे देश को कवर करने के लिए एक बड़ा तकनीकी आयाम शामिल है। वकील की ओर से अनुरोध किए जाने के बाद, अदालत ने स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने के लिए चार सप्ताह का समय दिया। मामले को अब छह सप्ताह बाद सूचीबद्ध किया गया है।
केस डिटेलः विशाल तिवारी बनाम यूनियन ऑफ इंडिया
डायरी नंबरः 23592 - 2023