सुप्रीम कोर्ट ने सीलबंद क्षेत्र के ASI सर्वेक्षण के लिए याचिका पर ज्ञानवापी मस्जिद समिति से जवाब मांगा
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार (नवंबर 2022) को ज्ञानवापी मस्जिद समिति से मस्जिद के सीलबंद क्षेत्र (जहां एक शिवलिंग पाए जाने का दावा किया गया) के ASI सर्वेक्षण के लिए हिंदू उपासकों द्वारा दायर आवेदन पर जवाब मांगा।
जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्जल भुइयां की खंडपीठ ने उपासकों द्वारा दायर आवेदन पर अंजुमन इंतेज़ीमिया मसाजिद (जो ज्ञानवापी मस्जिद का प्रबंधन करती है) की प्रबंधन समिति को नोटिस जारी किया।
अभियोगी का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील विष्णु शंकर जैन की सहायता से सीनियर एडवोकेट श्याम दीवान ने भी पीठ को सूचित किया कि उन्होंने सभी मुकदमों को एकीकृत करने और उन्हें वाराणसी जिला न्यायालय से इलाहाबाद हाईकोर्ट में स्थानांतरित करने के लिए आवेदन दायर किया है। हालांकि, वह आवेदन आज सूचीबद्ध नहीं था।
मस्जिद समिति की ओर से सीनियर एडवोकेट हुजेफा अहमदी ने कहा कि मस्जिद समिति द्वारा दायर विशेष अनुमति याचिका, जिसमें पूजा स्थल (विशेष प्रावधान) अधिनियम 1991 के तहत प्रतिबंधित मुकदमों की स्थिरता पर सवाल उठाया गया, पर प्राथमिकता के आधार पर सुनवाई होनी चाहिए। उक्त एसएलपी (जो आज सूचीबद्ध नहीं थी) इलाहाबाद हाईकोर्ट के उस फैसले के खिलाफ दायर की गई, जिसमें 1991 अधिनियम के तहत प्रतिबंध के कारण मुकदमों को खारिज करने के लिए सीपीसी के आदेश 7 नियम 11 के तहत मस्जिद समिति की याचिका खारिज कर दी गई थी।
अहमदी ने यह भी बताया कि ASI सर्वेक्षण के लिए हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली मस्जिद समिति की एसएलपी भी आज सूचीबद्ध नहीं है। उन्होंने सुझाव दिया कि सभी मामलों को एक साथ तय किया जाना चाहिए, जिसमें इस मुद्दे को प्राथमिकता दी जानी चाहिए कि क्या मुकदमे पूजा स्थल अधिनियम के तहत प्रतिबंधित हैं।
दीवान ने सुझाव पर सहमति जताते हुए कहा कि इस मुद्दे पर फैसला होना है।
खंडपीठ ने सभी मामलों को 17 दिसंबर को एक साथ पोस्ट करने पर सहमति जताई। सुनवाई के बाद जस्टिस कांत ने मौखिक रूप से दीवान से कहा कि वे इस पर विचार करें कि क्या मामलों को जिला कोर्ट के समक्ष ही समेकित किया जा सकता है, जिससे हाईकोर्ट को अपीलीय मंच के रूप में रखा जा सके।
सूचीबद्ध की गई एसएलपी में 2022 में ज्ञानवापी मस्जिद के वकील आयुक्त द्वारा सर्वेक्षण की अनुमति देने वाले हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ प्रबंध समिति अजुमन इंतेज़ीमिया मस्जिद वाराणसी द्वारा दायर की गई।
2022 में सुप्रीम कोर्ट ने सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत से मुकदमों को वाराणसी जिला कोर्ट में स्थानांतरित कर दिया। न्यायालय ने उस स्थान (वुज़ुखाना) को सील करने का भी आदेश दिया, जहां शिवलिंग पाए जाने का दावा किया गया था और अन्य स्थानों पर नमाज़ और मुस्लिम धार्मिक प्रदर्शन करने की अनुमति दी।
2023 में सुप्रीम कोर्ट ने 'वुज़ुखाना' क्षेत्र को छोड़कर, जहां 'शिवलिंग' पाए जाने का दावा किया गया, एक गैर-आक्रामक प्रक्रिया के माध्यम से मस्जिद का ASI सर्वेक्षण करने की अनुमति दी।
अप्रैल, 2024 में न्यायालय ने मस्जिद में नमाज अदा करने और तहखाना (तहखाने) में हिंदू अनुष्ठानों पर यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया।
केस टाइटल: प्रबंधन समिति अंजुमन इंतजामिया मसाजिद वाराणसी बनाम राखी सिंह और अन्य, एसएलपी (सी) नंबर 9388/2022