सुप्रीम कोर्ट ने प्रथम दृष्टया अपने आदेश का उल्लंघन करने के लिए मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट से स्पष्टीकरण मांगा

Update: 2024-08-13 04:20 GMT

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट से प्रथम दृष्टया सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन करने के लिए स्पष्टीकरण मांगा।

जस्टिस जे.के. माहेश्वरी और जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ वैवाहिक विवाद से उत्पन्न मामले की सुनवाई कर रही थी। न्यायालय ने अंतिम भरण-पोषण के संबंध में निश्चित राशि के भुगतान का आदेश दिया था। इसके अलावा न्यायालय ने दोनों पक्षकारों के बीच कार्यवाही निलंबित करने का भी आदेश दिया। इसमें आपराधिक धमकी के लिए दायर शिकायत भी शामिल थी।

हालांकि, सुप्रीम कोर्ट द्वारा कार्यवाही निलंबित करने के बावजूद, सीजेएम ने कार्यवाही जारी रखी, जिसके बाद पुलिस अधिकारी गिरफ्तारी के लिए चंडीगढ़ में पत्नी के घर गए।

इस पर गंभीरता से विचार करते हुए न्यायालय ने आदेश दिया:

“प्रथम दृष्टया, हम पाते हैं कि इस न्यायालय द्वारा पारित आदेश का उल्लंघन किया गया। इसलिए जज अर्थात् नबीला वली, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, पटियाला हाउस कोर्ट, नई दिल्ली, (जिला एवं सेशन जज, पटियाला हाउस कोर्ट, नई दिल्ली के माध्यम से) से स्पष्टीकरण मांगा जाना आवश्यक है कि एनसीआर 04/24.03.2024 में कार्यवाही स्थगित होने के बाद रिपोर्ट कैसे मांगी गई, जिसके लिए पुलिस अधिकारी उनकी गिरफ्तारी के लिए चंडीगढ़ में याचिकाकर्ता के घर गए।”

इसके अलावा, न्यायालय ने दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ के विशेष पुलिस आयुक्त आर.पी. उपाध्याय के नियंत्रण में कार्यरत उप निरीक्षक हेमंत और हेड कांस्टेबल पूनम (जो गिरफ्तारी के लिए याचिकाकर्ता के घर गए थे) से भी जवाब मांगा।

ये जवाब मंगलवार तक दाखिल किए जाने हैं और मामले की सुनवाई 14 अगस्त को होगी। न्यायालय ने प्रतिवादी/पति का यह बयान भी दर्ज किया कि निर्देशों के अनुसार भरण-पोषण की राशि जमा कर दी गई।

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