गैंगस्टर एक्ट मामला: सुप्रीम कोर्ट ने यूपी विधायक अब्बास अंसारी को दी राहत, संसदीय क्षेत्र दौरे के दौरान गाज़ीपुर घर में रुकने की मिली अनुमति

Update: 2025-05-16 10:11 GMT

उत्तर प्रदेश के गैंगस्टर एक्ट मामले में सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को विधायक अब्बास अंसारी की अंतरिम ज़मानत की शर्तों में बदलाव करते हुए उन्हें संसदीय क्षेत्र (मऊ) दौरे के दौरान गाज़ीपुर स्थित आवास पर अधिकतम 3 रातें रुकने की अनुमति दे दी है।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा,

“याचिकाकर्ता को अपने संसदीय क्षेत्र मऊ में जाने में हो रही कठिनाइयों को देखते हुए 7 मार्च के आदेश के पैरा 6 की शर्त 2 को सीमित रूप से संशोधित किया जाता है। याचिकाकर्ता जब अपने संसदीय क्षेत्र मऊ जाएं तो वे गाज़ीपुर स्थित अपने आवास पर रात में ठहर सकते हैं लेकिन यह रुकना किसी सार्वजनिक सभा के लिए नहीं होगा। ऐसे रुकने की अवधि प्रारंभिक रूप से 3 रातों से अधिक नहीं होगी।”

मामला

मार्च में सुप्रीम कोर्ट ने अब्बास अंसारी को अंतरिम ज़मानत देते हुए निर्देश दिया कि वह लखनऊ स्थित सरकारी आवास में ही रहेंगे और केवल मऊ जाने की अनुमति होगी, वह भी ट्रायल कोर्ट व पुलिस को पूर्व सूचना देने के बाद।

जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने अब्बास अंसारी की ज़मानत याचिका पर सुनवाई की।

सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल ने अंसारी की ओर से दलील दी कि ज़मानत मिलने के बाद से अंसारी लखनऊ से बाहर नहीं गए।

उन्होंने यह भी बताया कि मऊ जाने के बाद लखनऊ लौटना 300 किमी की दूरी के कारण कठिन है और यदि गाज़ीपुर स्थित घर में रुकने की अनुमति न हो तो ठहरने की कोई व्यवस्था नहीं रहती।

ASG केएम नटराज ने कोर्ट को बताया कि पिछली सुनवाई के आदेश के अनुसार एक स्टेटस रिपोर्ट सीलबंद लिफाफे में दाखिल की गई है।

कोर्ट ने रिपोर्ट पढ़कर कहा कि उसमें कुछ भी गोपनीय नहीं है। इसे याचिकाकर्ता के वकील को साझा किया जा सकता है।

रिपोर्ट में केवल यह उल्लेख है कि अंसारी अन्य आपराधिक मामलों में पेश नहीं हो रहे हैं, जिससे मुकदमे लंबित हैं। संभव है कि यह स्थिति कोर्ट द्वारा निर्धारित ज़मानत शर्तों के कारण हो।

कोर्ट का निर्णय:

कोर्ट ने स्टेटस रिपोर्ट अंसारी के वकील को देने का निर्देश दिया और जवाबी हलफनामा माँगा। साथ ही सिब्बल के आग्रह पर कोर्ट ने गाज़ीपुर में रुकने की सीमित अनुमति दी।

जब सिब्बल ने 3 रातों की सीमा को अनुचित बताया तो जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि कोई इतना समय अपने क्षेत्र में नहीं बिताता हम 3 रातों की अनुमति दे रहे हैं।

31 अगस्त 2024 को चितरकूट जिले के करवी कोतवाली में अंसारी समेत अन्य के खिलाफ यूपी गैंगस्टर एवं असामाजिक क्रियाकलाप निवारण अधिनियम, 1986 की धारा 2/3 के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी।

आरोप था कि उन्होंने लाभ के लिए एक गिरोह बनाया, लोगों को डराया-धमकाया, मारपीट और रंगदारी की।

अंसारी ने पहले सुप्रीम कोर्ट में ज़मानत मांगी थी जिसे यह कहते हुए खारिज कर दिया गया कि पहले हाईकोर्ट जाना होगा।

हाईकोर्ट ने भी 18 दिसंबर 2024 को अर्जी खारिज की, यह बताते हुए कि अंसारी जिला स्तर पर रजिस्टर्ड गैंग का सरगना है उनके खिलाफ 10 मामले दर्ज हैं और जाँच लंबित है।

इसके बाद अंसारी ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया जिसने 7 मार्च को सशर्त अंतरिम ज़मानत दी थी।

टाइटल: अब्बास अंसारी बनाम उत्तर प्रदेश राज्य

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