सुप्रीम कोर्ट ने सबरीमाला तीर्थयात्रियों के लिए मुफ्त परिवहन सेवाएं देने की अनुमति मांगने वाली VHP की याचिका पर नोटिस जारी किया
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार (25 जनवरी) को विश्व हिंदू परिषद (VHP) द्वारा दायर याचिका पर नोटिस जारी किया, जिसमें निलक्कल से पंपा मार्ग पर सबरीमाला तीर्थयात्रियों के लिए मुफ्त परिवहन की पेशकश करने वाले वाहनों को संचालित करने की अनुमति मांगी गई थी। न्यायालय ने केरल राज्य और केरल राज्य सड़क परिवहन निगम से जवाब मांगा।
जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस केवी विश्वनाथन की खंडपीठ VHP द्वारा दायर विशेष अनुमति याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें अप्रैल 2023 में केरल हाईकोर्ट द्वारा याचिका खारिज करने के फैसले को चुनौती दी गई।
संगठन की ओर से पेश सीनियर एडवोकेट वी चितांबरेश ने खंडपीठ को बताया कि COVID-19 के मौसम तक वाहनों को पंपा तक जाने की अनुमति थी, जहां से सबरीमाला मंदिर के लिए 6 किलोमीटर की यात्रा शुरू होती है। उन्होंने कहा कि निलक्कल और पंपा के बीच की दूरी 22 किलोमीटर है और इस मार्ग पर केवल केएसआरटीसी बसों को चलने की अनुमति है।
चितांबरेश ने कहा कि VHP ने मुफ्त सेवाएं देने की पेशकश की है। जब खंडपीठ ने पूछा कि क्या याचिकाकर्ता स्टेज कैरिज परमिट या कॉन्ट्रैक्ट कैरिज परमिट मांग रहा है तो चितांबरेश ने कहा कि संगठन सिर्फ मुफ्त सेवाएं देना चाहता है, जिसे सरकार अनुमति नहीं दे रही है। वर्तमान में केवल केरल राज्य सड़क परिवहन निगम को ही इस मार्ग पर संचालन की अनुमति है।
उन्होंने कहा,
"लाखों-लाखों श्रद्धालु वहां आ रहे हैं। वे लंबी कतारों में 28 घंटे, 30 घंटे तक इंतजार कर रहे हैं। केएसआरटीसी पर्याप्त बसें नहीं चला रहा है। वे अच्छी स्थिति में भी नहीं हैं।"
हाईकोर्ट के समक्ष याचिकाकर्ता ने तीर्थयात्रियों के मुफ्त परिवहन के लिए पट्टे पर 20 अनुबंध गाड़ियां लेकर निलक्कल से पंबा और इसके विपरीत तक मुफ्त सेवा का प्रस्ताव रखा। हाईकोर्ट ने कहा कि यदि याचिकाकर्ता को प्रारंभ और टर्मिनल बिंदुओं पर पिक एंड ड्रॉप के साथ विशेष परमिट वाले वाहनों को संचालित करने की अनुमति दी गई तो यह वास्तव में कॉरिडोर प्रतिबंध के साथ स्टेज कैरिज बन जाएगा, जो परमिट शर्तों का उल्लंघन होगा।
केस टाइटल: विश्व हिंदू परिषद केरल बनाम केरल राज्य डायरी नंबर 1752-2024