सुप्रीम कोर्ट ने शिंदे सेना के विधायकों को अयोग्य ठहराने से महाराष्ट्र स्पीकर के इनकार को चुनौती देने वाली उद्धव सेना की याचिका पर नोटिस जारी किया

Update: 2024-01-22 11:43 GMT

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार (22 जनवरी) को शिवसेना के सदस्य (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) द्वारा दायर याचिका पर नोटिस जारी किया। उक्त याचिका में संविधान की दसवीं अनुसूची के तहत शिवसेना (एकनाथ शिंदे) के विधायकों को अयोग्य ठहराने के महाराष्ट्र विधानसभा स्पीकर के इनकार को चुनौती दी गई।

चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ ने दो सप्ताह के भीतर वापसी योग्य नोटिस जारी किया।

मामला जब सुनवाई के लिए आया तो सीजेआई ने याचिकाकर्ता के वकील कपिल सिब्बल से हाईकोर्ट जाने के बारे में पूछा।

सीजेआई ने पूछा,

"क्या इस अदालत को अनुच्छेद 226 के तहत सुनवाई करनी चाहिए या हाईकोर्ट को?"

सिब्बल ने मामले को हाईकोर्ट में भेजे जाने पर फैसले में देरी होने पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि स्पीकर का आदेश सुप्रीम कोर्ट के फैसले का उल्लंघन है। इसलिए सुप्रीम कोर्ट को मामले की सुनवाई करनी चाहिए।

गौरतलब है कि एकनाथ शिंदे समूह ने उद्धव ठाकरे समूह को अयोग्य ठहराने के स्पीकर के इनकार को चुनौती देते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। पिछले हफ्ते शिंदे ग्रुप की याचिका पर हाईकोर्ट ने नोटिस जारी किया था।

अनुच्छेद 136 के तहत विशेष अनुमति याचिका यूबीटी सदस्य सुनील प्रभु द्वारा दायर की गई, जिसमें महाराष्ट्र विधानसभा स्पीकर द्वारा पारित दिनांक 10.01.2024 के आदेश को चुनौती दी गई, जिसमें एक दूसरे के खिलाफ उद्धव ठाकरे समूह द्वारा दायर अयोग्यता याचिकाओं को खारिज कर दिया गया।

स्पीकर राहुल नार्वेकर ने शिंदे और ठाकरे दोनों समूहों द्वारा एक-दूसरे के खिलाफ दायर अयोग्यता याचिकाओं को खारिज कर दिया। स्पीकर ने माना कि शिंदे समूह इस आधार पर 'असली' शिवसेना है कि जून 2022 में जब प्रतिद्वंद्वी गुट उभरे तो उनके पास विधायी बहुमत (विधायकों का बहुमत) था। स्पीकर ने शिंदे द्वारा नियुक्त व्हिप को भी आधिकारिक व्हिप के रूप में मान्यता दी। शिवसेना पार्टी की ओर से कहा गया कि शिंदे समूह के विधायकों द्वारा व्हिप का कोई उल्लंघन नहीं किया गया।

उद्धव सेना ने चुनौती दी कि स्पीकर का फैसला 'विधायक दल' की अवधारणा को 'राजनीतिक दल' के साथ जोड़कर, सुभाष देसाई बनाम महाराष्ट्र के राज्यपाल मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का उल्लंघन करता है।

केस टाइटल: सुनील प्रभु बनाम एकनाथ शिंदे एसएलपी (सी) नंबर 1644-1662/2024

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