सुप्रीम कोर्ट ने 'खुदा पर यकीन करने' वाली टिप्पणी पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ ट्रायल पर लगी रोक बढ़ाई
सुप्रीम कोर्ट ने आम आदमी पार्टी (AAP) नेता और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा 2014 की राजनीतिक रैली के दौरान उनकी कथित 'खुदा पर यकीन करने' वाली टिप्पणी से संबंधित आपराधिक मामले में आरोपमुक्त करने की मांग वाली विशेष अनुमति याचिका में अपील करने की अनुमति दी।
जस्टिस एमएम सुंदरेश और जस्टिस एसवीएन भट्टी की खंडपीठ ने आदेश पारित करते हुए विशेष अदालत के समक्ष आगे की कार्यवाही पर 2023 की शुरुआत में लगाई गई रोक को भी बढ़ा दिया।
जस्टिस सुंदरेश ने खेद व्यक्त किया कि वर्तमान प्रकार के मामलों को सुप्रीम कोर्ट द्वारा नहीं निपटाया जाना चाहिए।
केजरीवाल उस समय विवादों में घिर गए थे जब 2014 में राजनीतिक रैली के दौरान उन्होंने कथित तौर पर कहा था कि 'जो लोग 'खुदा' पर यकीन करते हैं, अगर वे भारतीय जनता पार्टी को वोट देते हैं तो उन्हें माफ नहीं किया जाएगा।' इस घटना के परिणामस्वरूप कथित तौर पर आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करने के लिए लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 125 के तहत उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई।
सितंबर 2014 में ट्रायल कोर्ट ने संज्ञान लिया और केजरीवाल को तलब किया, जिसके बाद उन्होंने विभिन्न राहतों के लिए हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट का रुख किया। लेकिन, उन्हें अपनी शिकायतों के निवारण के लिए ट्रायल कोर्ट से संपर्क करने का निर्देश देकर लौटा दिया गया। तदनुसार, उन्होंने विशेष न्यायाधीश के समक्ष डिस्चार्ज आवेदन दायर किया, लेकिन इसे अगस्त, 2022 में खारिज कर दिया गया। सत्र न्यायाधीश के समक्ष दायर इस बर्खास्तगी आदेश को चुनौती देने वाली पुनर्विचार याचिका भी अक्टूबर, 2022 में खारिज कर दी गई।
सेशन कोर्ट के फैसले के खिलाफ केजरीवाल ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर की। आदेश बरकरार रखते हुए जनवरी, 2023 में हाईकोर्ट ने कहा कि केजरीवाल का बयान 'खुदा' शब्द का उपयोग करके मतदाताओं को डराने-धमकाने का रूप प्रतीत होता है। न्यायाधीश ने इस बात पर जोर दिया कि यह रणनीति संभावित रूप से विभिन्न धर्मों के मतदाताओं को प्रभावित कर सकती है, उनकी मान्यताओं का फायदा उठा सकती है। अदालत ने यह भी विचार व्यक्त किया कि प्रथम दृष्टया मुख्यमंत्री के लिए छुपे अर्थ वाले शब्दों या वाक्यों का उपयोग करना अनुचित है।
हाईकोर्ट के आदेश से व्यथित केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया। फरवरी, 2023 में कोर्ट ने नोटिस जारी करते हुए उन्हें अंतरिम राहत दी और मुकदमे की कार्यवाही पर अस्थायी रोक लगा दी, जिसे बाद में मई में बढ़ा दिया गया।
केस टाइटल: अरविंद केजरीवाल बनाम उत्तर प्रदेश राज्य और अन्य, एसएलपी (सीआरएल) नंबर 1898/2023