सुप्रीम कोर्ट ने आगरा को 'विश्व धरोहर स्थल' घोषित करने की याचिका खारिज की
सुप्रीम कोर्ट ने आगरा शहर को "विश्व धरोहर स्थल" घोषित करने की मांग वाली याचिका खारिज की।
जस्टिस अभय एस ओक और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की खंडपीठ ने कहा कि न्यायालय किसी भी स्थान को धरोहर स्थल घोषित करने के लिए कोई निर्देश नहीं दे सकता।
आवेदक के वकील ने कहा कि "विश्व धरोहर स्थल" का दर्जा पाने के लिए यूनेस्को को नामांकन करना होगा।
उन्होंने दावा किया कि इस तरह की घोषणा से रोजगार सृजन होगा और सतत पर्यटन, स्वच्छता और आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा।
हालांकि, खंडपीठ ने कहा कि वह ऐसी कोई राहत नहीं दे सकती।
जस्टिस ओक ने कहा,
"ये सभी काल्पनिक दावे हैं। हमें पारित आदेशों के क्रियान्वयन पर ध्यान केंद्रित करना होगा।"
खंडपीठ ने आदेश में कहा,
"विश्व धरोहर स्थल घोषित होने से शहर को कोई विशेष लाभ होने का कोई सबूत रिकॉर्ड में नहीं है। हमें नहीं लगता कि यह न्यायालय आगरा को धरोहर स्थल घोषित करने की मांग कर सकता है। आवेदन खारिज किया जाता है।"
यह आवेदन एम.सी. मेहता मामले में दायर किया गया, जहां न्यायालय ने ताज ट्रैपेज़ियम जोन में विकास की निगरानी करने के निर्देश दिए थे।