सुप्रीम कोर्ट ने भारत में शरण मांगने वाले अमेरिकी नागरिक की याचिका खारिज की
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार (10 जून) को भारत में शरण मांगने वाले अमेरिकी नागरिक द्वारा भारतीय संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत दायर याचिका खारिज की। याचिकाकर्ता ने पेट्रोलियम के विकल्प की खोज करने का दावा किया है। उसको डर है कि अगर वह संयुक्त राज्य अमेरिका लौटता है तो उसे उत्पीड़न का सामना करना पड़ेगा।
जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संदीप मेहता की वेकेशन बेंच के समक्ष यह मामला रखा गया। याचिकाकर्ता क्लाउड डेविड कन्विसर व्यक्तिगत रूप से न्यायालय के समक्ष उपस्थित हुए। पिछली बार, हालांकि न्यायालय ने नोटिस जारी नहीं किया था, लेकिन इसने एडिशनल सॉलिसिटर जनरल विक्रमजीत बनर्जी को केंद्र सरकार से निर्देश प्राप्त करने का निर्देश दिया।
बनर्जी ने बेंच को अवगत कराया कि याचिकाकर्ता का वीजा 09.12.2024 को समाप्त होने वाला है।
उन्होंने कहा:
“यह कल समाप्त नहीं हो रहा है, लेकिन आप 180 दिनों तक एक ही स्थान पर नहीं रह सकते। इसलिए उन्हें दूसरे देश में वापस जाना होगा और वापस आना होगा। इसलिए मैं उन्हें यह सलाह देने की स्थिति में नहीं हूं कि उन्हें किस देश में जाना है।”
हालांकि, इस बिंदु पर याचिकाकर्ता ने आशंका जताई कि अगर वह भारत छोड़ते है तो उन्हें जेल हो सकती है या उनकी हत्या हो सकती है।
उन्होंने कहा,
“अगर मैं (भारत) छोड़ता हूं तो मुझे घेर लिया जाएगा और वे मेरे साथ हर तरह की हरकत करेंगे....मुझे कैद कर लेंगे...मुझे मारने की कोशिश करेंगे।”
जब बेंच कोर्ट ने पूछा कि क्या उस पर कोई मुकदमा चल रहा है तो जवाब नकारात्मक आया।
हालांकि, जब याचिकाकर्ता ने फिर से आशंका जताई तो कोर्ट ने स्पष्ट किया कि अमेरिकी सरकार इसका ध्यान रखेगी। इसके अलावा, इसने याचिकाकर्ता को बताया कि अमेरिका में भी कोर्ट हैं। इसके आधार पर कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी।
कोर्ट ने कहा,
“हम यहां (आपका) ख्याल रखने के लिए नहीं हैं, आपकी सरकार इसका ख्याल रखेगी...अमेरिका में भी कोर्ट हैं...क्षमा करें, याचिका खारिज की जाती है।”
केस टाइटल: क्लाउड डेविड कन्विसर बनाम भारत संघ और अन्य, डब्ल्यू.पी.(सी) नंबर 356/2024