सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को स्कूल सुरक्षा और संरक्षा पर केंद्र के दिशा-निर्देशों को लागू करने का निर्देश दिया

Update: 2024-10-03 04:45 GMT

सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में सभी राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों को केंद्र सरकार द्वारा जारी “स्कूल सुरक्षा और संरक्षा पर दिशा-निर्देश, 2021” को लागू करने का निर्देश दिया, जिससे बच्चों को प्राकृतिक आपदाओं, स्वास्थ्य संबंधी खतरों, दुर्व्यवहार, हिंसा और दुर्घटनाओं से बचाने के लिए स्कूल प्रबंधन की जिम्मेदारी तय की जा सके।

जस्टिस बीवी नागरत्ना और जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने कहा,

“परिणामस्वरूप, राज्य सरकारों के साथ-साथ केंद्र शासित प्रदेशों से भी अपेक्षा की जाती है कि वे दिशा-निर्देशों को अपनाएं और आवश्यकतानुसार उपयुक्त संशोधनों के साथ उन्हें लागू करें। प्रतिवादी नंबर 2 (NCPCR) को भी ऊपर उल्लिखित दिशा-निर्देशों के कार्यान्वयन की निगरानी के उद्देश्य से संबंधित राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ समन्वय करना चाहिए।”

न्यायालय ने यह आदेश 'बचपन बचाओ आंदोलन' द्वारा दायर जनहित याचिका पर पारित किया, जिसमें सरकारी और निजी दोनों तरह के स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कई राहतों की मांग की गई।

याचिका में न्यायालय से "स्कूल में बच्चों की सुरक्षा और संरक्षा के प्रति स्कूल प्रबंधन की जवाबदेही तय करने संबंधी दिशा-निर्देश" के मसौदे को अधिसूचित करने और लागू करने का निर्देश देने का आग्रह किया गया।

याचिकाकर्ता ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को स्कूल सुरक्षा और संरक्षा पर दिशा-निर्देश, 2021 को अपनाने के लिए बाध्य करने वाला आदेश भी मांगा, जिसे मानव संसाधन विकास मंत्रालय (MOHRD) ने राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) के परामर्श से तैयार किया।

याचिकाकर्ता ने स्कूलों को यह निर्देश देने की भी मांग की कि जब बच्चे 30 दिनों से अधिक समय तक अनुपस्थित रहते हैं या बीच-बीच में स्कूल छोड़ देते हैं, तो वे कार्रवाई करें। इसके अलावा, इसने NCPCR और राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोगों (NCPCR) से इन दिशा-निर्देशों के कार्यान्वयन की प्रभावी निगरानी करने का आह्वान किया।

भारत संघ ने प्रस्तुत किया कि दिशा-निर्देश पहले ही जारी किए जा चुके हैं। सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को सूचित किए जा चुके हैं। पिछले सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के अनुपालन में मंत्रालय द्वारा 8 अक्टूबर, 2021 को दिशा-निर्देश अधिसूचित किए गए।

याचिकाकर्ता ने इस बात पर जोर दिया कि अधिसूचना के बावजूद, राज्य सरकारों ने अभी तक इन दिशा-निर्देशों को अपनाया और लागू नहीं किया।

NCPCR ने राज्यों को दिशा-निर्देशों को अधिसूचित करने और उनका अनुपालन करने के निर्देश देने की भी मांग की। साथ ही यह भी अनुरोध किया गया कि NCPCR को पूरे देश में कार्यान्वयन की निगरानी करने का अधिकार दिया जाए।

न्यायालय ने राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों को उनकी विशिष्ट आवश्यकताओं के आधार पर उपयुक्त संशोधनों के साथ दिशा-निर्देशों को अपनाने और लागू करने का निर्देश दिया।

इसके अतिरिक्त, न्यायालय ने NCPCR को दिशा-निर्देशों के कार्यान्वयन पर संबंधित राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों से कार्रवाई रिपोर्ट या स्टेटस रिपोर्ट मांगने की स्वतंत्रता दी। न्यायालय ने कहा कि ये रिपोर्ट शीघ्र प्रस्तुत की जानी चाहिए।

न्यायालय ने आदेश दिया कि आदेश की एक प्रति सभी राज्यों के मुख्य सचिवों और केंद्र शासित प्रदेशों में समकक्ष अधिकारियों को भेजी जाए और रिट याचिका का निपटारा किया जाए।

केस टाइटल- बचपन बचाओ आंदोलन बनाम भारत संघ और अन्य।

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