सुप्रीम कोर्ट ने चंडीगढ़ प्रशासन को 2025-26 के लिए शिक्षा में 3% OBC आरक्षण प्रदान करने का निर्देश दिया

Update: 2025-07-31 16:41 GMT

सुप्रीम कोर्ट ने चंडीगढ़ प्रशासन को शैक्षणिक वर्ष 2025-26 के लिए शैक्षणिक सीटों में 3% OBC आरक्षण प्रदान करने का निर्देश दिया।

केंद्र सरकार द्वारा न्यायालय को यह सूचित किए जाने के बाद कि केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ में OBC आरक्षण प्रदान करने के लिए अधिनियम एक सप्ताह के भीतर अधिसूचित किया जाएगा, यह आदेश दिया गया।

चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) बीआर गवई, जस्टिस के विनोद चंद्रन तथा जस्टिस एनवी अंजारिया की बेंच पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट द्वारा चंडीगढ़ के सरकारी मेडिकल कॉलेज के MBBS में एडमिशन में OBC को आरक्षण प्रदान नहीं करने के कारण प्रवेश विवरणिका रद्द करने से इनकार करने के खिलाफ दायर विशेष अनुमति याचिका पर सुनवाई कर रही थी।

एडिशनल सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने न्यायालय को सूचित किया कि शैक्षणिक वर्ष 2025-26 के पहले वर्ष में OBC स्टूडेंट्स के लिए शुरुआत में 3% आरक्षण प्रदान किया जाएगा। इसे बाद में "चरणबद्ध तरीके" से तब तक बढ़ाया जाएगा, जब तक कि यह छठे वर्ष में 27% तक न पहुँच जाए।

इस कथन पर ध्यान देते हुए न्यायालय ने आदेश दिया:

"हम केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ के प्रशासक को शैक्षणिक वर्ष 2025-26 के लिए 3% आरक्षण प्रदान करने का निर्देश देते हैं, जिसे चरणबद्ध तरीके से तब तक बढ़ाया जाएगा जब तक कि यह 27% तक न पहुंच जाए।"

बेंच ने स्पष्ट किया कि यह आरक्षण शैक्षणिक वर्ष 2025-26 से काउंसलिंग प्रक्रिया पर लागू होगा।

कहा गया,

"हम स्पष्ट करते हैं कि जहां एडमिशन प्रक्रिया अभी शुरू नहीं हुई है, वहां आरक्षण लागू होगा, अर्थात काउंसलिंग अभी शुरू नहीं हुई है। जहां एडमिशन प्रक्रिया पूरी हो गई, वहां आरक्षण शैक्षणिक वर्ष 2026-27 से प्रदान किया जाएगा।"

पिछले सप्ताह, 22 जुलाई के आदेश द्वारा न्यायालय ने चंडीगढ़ प्रशासन को एक सप्ताह के भीतर शैक्षणिक संस्थानों में अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के लिए 27% कोटा लागू करने में विफल रहने पर परिणाम भुगतने की चेतावनी दी थी।

22 जुलाई को जब भाटी ने बताया कि केंद्र सरकार ने OBC स्टूडेंट्स को 27% आरक्षण देने के प्रस्ताव को पहले ही मंज़ूरी दे दी है तो बेंच ने कहा:

"जब भारत संघ ने नीति को मंज़ूरी दे दी है तो हमें कोई कारण नहीं दिखता कि चंडीगढ़ प्रशासन इसे तुरंत लागू क्यों न करे। हम केंद्र सरकार की सिफ़ारिशों का पालन करने और नियमों में आवश्यक संशोधन करने के लिए आज से एक हफ़्ते का समय देते हैं।"

न्यायालय ने 22 जुलाई को पारित अपने आदेश में आगे कहा था,

"यह कहने की ज़रूरत नहीं है कि इस फ़ैसले के तहत चंडीगढ़ प्रशासन के अधिकार क्षेत्र में आने वाले सभी कोर्सेस में एडमिशनल के लिए प्रॉस्पेक्टस में इस तरह के आरक्षण का प्रावधान होगा।"

अदालत अगले हफ़्ते इस मामले की अनुपालना के लिए सुनवाई करेगी।

Case Details: DHRUVI YADAV v. UNION OF INDIA AND ORS.|SLP(C) No. 20072/2019

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