BREAKING| सुप्रीम कोर्ट ने AAP पार्षद को चंडीगढ़ का मेयर घोषित किया

Update: 2024-02-20 11:37 GMT

महत्वपूर्ण घटनाक्रम में सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार (20 फरवरी) को आम आदमी पार्टी (AAP) के पार्षद कुलदीप कुमार को चंडीगढ़ नगर निगम का मेयर घोषित किया।

कोर्ट ने 30 जनवरी, 2024 को पीठासीन अधिकारी अनिल मसीह द्वारा घोषित परिणाम अवैध घोषित कर दिया। उक्त परिणाम में भारतीय जनता पार्टी (BJP) उम्मीदवार मनोज कुमार सोनकर को विजेता घोषित किया गया था। कोर्ट ने पाया कि पीठासीन अधिकारी ने जानबूझकर 8 मतपत्रों को क्रॉस किया था, जो कुलदीप कुमार के पक्ष में डाले गए थे, जिससे उन्हें अमान्य कर दिया जाए।

न्यायालय ने मतपत्रों की भौतिक जांच की और पाया कि वे विरूपित नहीं थे। कोर्ट ने इन 8 वोटों को नतीजों में जोड़ते हुए कुलदीप कुमार को विजेता घोषित कर दिया।

चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ ने अदालत के समक्ष गलत बयान देने के लिए अनिल मसीह के खिलाफ सीआरपीसी की धारा 340 के तहत आपराधिक कार्यवाही भी शुरू की।

अदालत ने मतपत्र और रिकॉर्ड पेश करने का आदेश दिया था, जिन्हें 5 फरवरी को जारी पिछले आदेश के अनुसार पंजाब एंड हरियाणा उच्च न्यायालय ने अपने कब्जे में ले लिया था।

विवाद का मुद्दा 8 मतपत्रों से जुड़ा था, जिन्हें पीठासीन अधिकारी ने अवैध घोषित कर दिया था। कुल 36 वोटों में से सिर्फ 28 वोटों की गिनती हुई। AAP पार्षद को 12 और बीजेपी उम्मीदवार को 16 वोट मिले।

मतपत्रों के भौतिक निरीक्षण के बाद अदालत ने पाया कि 8 "अमान्य" मतपत्रों में AAP पार्षद के पक्ष में वोट थे। न्यायालय ने यह भी पाया कि पीठासीन अधिकारी ने इन आठ मतपत्रों के अंत में एक पंक्ति का निशान लगाया था। इससे पहले अदालत के समक्ष अपने बयान में मसीह ने दावा किया कि उसने ये निशान लगाए थे, क्योंकि ये मतपत्र पहले ही विरूपित हो चुके थे। इसलिए वह उन्हें अलग करना चाहता था। हालांकि, कोर्ट ने मसीह के बयान को झूठा पाया, क्योंकि मतपत्रों को ख़राब नहीं किया गया था।

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