सुप्रीम कोर्ट ने एग्जिट पोल को लेकर टीवी चैनल्स के खिलाफ CBI जांच की मांग वाली याचिका खारिज की

Update: 2024-09-06 13:15 GMT

सुप्रीम कोर्ट ने जनहित याचिका (PIL) खारिज की, जिसमें एग्जिट पोल प्रसारित करने और शेयर बाजार के निवेशकों को कथित रूप से गुमराह करने के लिए कई मीडिया हाउस के खिलाफ जांच की मांग की गई थी।

चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच ने जनहित याचिका पर विचार करने से इनकार किया और इसे राजनीतिक हित याचिका करार दिया।

सीजेआई ने कहा,

"सरकार अब पहले से ही चुनी हुई है, अब चुनाव के दौरान क्या होता है। इस कहानी को बंद करके देश में शासन-प्रशासन की शुरुआत करनी चाहिए। चुनाव आयोग इसे संभालेगा और हम ECI को नहीं चलाएंगे। यह स्पष्ट रूप से राजनीतिक हित याचिका का मामला है।"

याचिकाकर्ता का कहना था कि आम चुनाव के अंतिम चरण के समापन पर कई मीडिया आउटलेट्स द्वारा टीवी चैनलों पर एग्जिट पोल प्रसारित किए जाने के कारण शेयर बाजार में निवेश में तेज उछाल आया और 4 जून को अंतिम परिणाम घोषित होने पर तत्काल गिरावट आई। इससे जनता के निवेश को 31 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।

याचिका में जन प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 और चुनाव आयोग के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करने वाले ऐसे मीडिया हाउसों के आचरण के खिलाफ CBI, ED, CBDT, SEBI और SFIO द्वारा जांच की मांग की गई।

इसमें यह भी तर्क दिया गया कि एग्जिट पोल में इस तरह की कथित हेराफेरी स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव और कानून के शासन के सिद्धांतों में बाधा डालती है।

केस टाइटल- बी.एल. जैन बनाम भारत संघ और अन्य।

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