सिनियर एडवोकेट सुप्रीम कोर्ट में बिना AOR के पेश नहीं हो सकते, गैर-AOR केवल AOR के निर्देश पर ही बहस कर सकते हैं: सुप्रीम कोर्ट

twitter-greylinkedin
Update: 2025-03-19 17:29 GMT
सिनियर एडवोकेट सुप्रीम कोर्ट में बिना AOR के पेश नहीं हो सकते, गैर-AOR केवल AOR के निर्देश पर ही बहस कर सकते हैं: सुप्रीम कोर्ट

वकिलों की उपस्थिति से संबंधित एक निर्णय में, सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि किसी भी पक्ष के लिए AOR के अलावा कोई अन्य एडवोकेट किसी मामले में न्यायालय के समक्ष उपस्थित नहीं हो सकता, दलीलें नहीं दे सकता और न ही न्यायालय को संबोधित कर सकता, जब तक कि उसे AOR द्वारा निर्देशित न किया गया हो या न्यायालय द्वारा अनुमति न दी गई हो। न्यायालय ने यह भी स्पष्ट किया कि कोई भी सिनियर एडवोकेट सुप्रीम कोर्ट में बिना AOR के पेश नहीं हो सकता।

जस्टिस बेला एम. त्रिवेदी और जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की खंडपीठ ने यह देखा कि भले ही किसी एडवोकेट को सुप्रीम कोर्ट में उपस्थित होने का अधिकार है, लेकिन उसकी उपस्थिति 2013 के सुप्रीम कोर्ट नियमों के अधीन होगी।

2013 के सुप्रीम कोर्ट नियमों के तहत:

Order IV के Rule 1(b) के अनुसार, किसी भी पक्ष के लिए AOR के अलावा कोई अन्य एडवोकेट अदालत में पेश नहीं हो सकता।

इस नियम को Rule 20 के साथ मिलाकर पढ़ने पर स्पष्ट होता है कि कोई भी AOR किसी अन्य व्यक्ति को, चाहे वह कोई भी हो, अपने स्थान पर कार्य करने के लिए अधिकृत नहीं कर सकता, सिवाय किसी अन्य AOR के।

इसी तरह, नियम 1(b) को नियम 2(b) के साथ पढ़ा जाना चाहिए, जो यह कहता है कि कोई सिनियर एडवोकेट सुप्रीम कोर्ट में AOR के बिना उपस्थित नहीं हो सकता।

कोर्ट का निर्णय :

भले ही कोई एडवोकेट, जिसका नाम एडवोकेट एक्ट, 1961 के तहत किसी राज्य बार काउंसिल की सूची में दर्ज है, सुप्रीम कोर्ट में उपस्थित होने का अधिकार रखता हो, लेकिन उसकी उपस्थिति सुप्रीम कोर्ट द्वारा बनाए गए 2013 के नियमों के अधीन होगी। Rule 1(b) के अनुसार, किसी भी पक्ष के लिए AOR के अलावा कोई अन्य अधिवक्ता तब तक उपस्थित नहीं हो सकता, दलीलें नहीं दे सकता और न ही न्यायालय को संबोधित कर सकता, जब तक कि उसे AOR द्वारा निर्देशित न किया गया हो या न्यायालय द्वारा अनुमति न दी गई हो।

Rule 20 यह स्पष्ट करता है कि कोई भी AOR किसी अन्य व्यक्ति को, चाहे वह कोई भी हो, अपने स्थान पर कार्य करने के लिए अधिकृत नहीं कर सकता, सिवाय किसी अन्य AOR के। नियम 2(b) यह अनिवार्य बनाता है कि कोई सिनियर एडवोकेट सुप्रीम कोर्ट में AOR के बिना उपस्थित नहीं हो सकता और भारत में किसी अन्य अदालत में बिना जूनियर एडवोकेट के पेश नहीं हो सकता।

अतः, उपरोक्त नियम के अनुसार, जहाँ तक सुप्रीम कोर्ट का संबंध है, कोई भी सिनियर एडवोकेट किसी पक्ष की ओर से उपस्थित होने वाले एडवोकेट-ऑन-रिकॉर्ड (AOR) के बिना अदालत में पेश नहीं हो सकता।

Tags:    

Similar News